खूबकला : जानें इस औषधीय पौधे के फायदे

खूबकला को कुछ क्षेत्रों में जंगली सरसों, खाकसी, खाकसीर, बनारसी राई, आदि नामों से भी जाना जाता है। कई औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण यह यूनानी चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यूनानी चिकित्सा में खूबकला के बीज से खांसी, कफ, ज्वर, दमा, आदि कई रोगों का इलाज किया जाता है। अगर आप भी औषधीय पैधों की खेती करना चाहते हैं तो खूबकला की खेती आपके लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकती है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम खूबकला की खेती एवं इसके फायदों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
क्या है खूबकला?
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यह एक औषधीय पौधा है। इसके पौधे सरसों के पौधों की तरह नजर आते हैं। गर्म तासीर वाले खूबकला के बीज का स्वाद हल्का तीखा होता है।
कहां होती है खूबकला की खेती?
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भारत में कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है।
क्या है खूबकला के स्वास्थ्य लाभ?
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चेचक का इलाज : चेचक के इलाज में खूबकला बहुत लाभदायक है। इसके बीज को पानी के साथ उबाल कर काढ़ा तैयार कर के चेचक से पीड़ित व्यक्ति को पिलाने पर आराम मिलता है।
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दमा का इलाज : खांसी, दमा एवं ज्वर से परेशां यक्तियों के लिए भी यह लाभदायक है।
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सूजन का इलाज : बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण होने वाली सूजन की समस्या को कम करने के लिए भी खूबकला का इस्तेमाल किया जाता है। सूजन वाले हिस्सों पर खूबकला के पौधो और फूलों का लेप लगाने से सूजन में कमी आती है।
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सिर दर्द का इलाज : खूबकला के फूलों और पत्तियों का लेप लगाने से सिर दर्द से छुटकारा मिलता है।
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इन सभी समस्याओं के अलावा खूबकला से थाइरॉइड, अस्थमा, बवासीर, हैजा, जैसे घातक रोगों का भी इलाज किया जाता है।
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