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किसानों के लिए मुनाफे का सौदा, गेंदे की खेती से होगी बंपर कमाई
किसानों के लिए मुनाफे का सौदा, गेंदे की खेती से होगी बंपर कमाई
गेंदे के फूलों का प्रयोग कई तरह के त्योहारों में सजावट और पूजा के लिए किया जाता है। गेंदे की सबसे खास बात है यह है कि इसमें अन्य फूलों की खेती के मुकाबले लागत बेहद कम आती है और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ही फूल अधिक समय तक ताजे बने रहते हैं, जिसके कारण बाजार तक फसल पहुंचाने में अधिक कठिनाइयां नहीं आती है और ग्राहक साजो सामान के रूप में गेंदे को प्राथमिकता देते हैं।
खेती का समय
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जनवरी, अप्रैल-मई या अगस्त-सितंबर जैसे महीने गेंदे की खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
नर्सरी की तैयारी
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गेंदा की पौध को तैयार करने के लिए नर्सरी में गोबर की खाद को पूरे खेत में अच्छी तरह से फैला लें।
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अब भूमि को उपचारित करने के लिए लिन्डेन धूल का इस्तेमाल करें।
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बीजो को भूमि में डालकर अच्छे से मिला लें और उसके बाद खेत की हल्की सिंचाई कर दें|
बीज की मात्रा
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संकर किस्मों की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 280 से 320 ग्राम बीज की मात्रा पर्याप्त होती है।
पौधों की रोपाई
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पौधों की रोपाई खेत में मेड बनाकर करें।
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पौधों के उचित फैलाव एवं विकास के लिए मेड के बीच की दूरी एक फीट रखें।
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गर्मियों के मौसम में पौधों को 2 फीट की दूरी पर लगाए तथा अन्य मौसम में एक से सवा फीट की दूरी पर्याप्त होती है।
सिंचाई प्रबंधन
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पौध रोपाई के तुरंत बाद खेत में हल्की सिंचाई करें।
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जड़ो़ं के बेहतर विकास और मिट्टी में इनकी मजबूत पकड़ बन जाने तक खेत में नमी बनाए रखें।
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पौधों में जड़ों का विकास हो जाने पर हफ्ते में 2 बार सिंचाई करें।
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पौधों पर शाखाएं बनने के दौरान जरूरत के अनुसार ही खेत में पानी दें।
खरपतवार नियंत्रण
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फसल में नियमित निराई-गुड़ाई करने से खरपतवार की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
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फसल में निराई-गुड़ाई बुवाई के 25 दिन बाद करें।
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पहली निराई-गुड़ाई के 15 दिन बाद दूसरी निराई-गुड़ाई करें।
फूलों की तुड़ाई
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गेंदा के फूल पौध रोपाई के तीन माह पश्चात तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
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फूलों की तुड़ाई सुबह या शाम के समय ही करें।
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फूल तोड़ने के दौरान खेत में नमी बनाए रखें।
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पौधों से फूल को कुछ दूरी से तोड़ें।
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