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कपास की इन उन्नत किस्मों से होगी भरपूर पैदावार

कपास की किस्मों को 3 प्रकार में विभाजित किया गया है। जिनमें छोटे रेशों वाली कपास, मध्यम रेशों वाली कपास और लम्बे रेशों वाली कपास शामिल है। लम्बे रेशे वाली कपास की किस्मे सबसे बेहतर मानी जाती हैं। इनकी लम्बाई करीब 5 सेंटीमीटर होती है। कपास के कुल उत्पादन में करीब 40% हिस्सा लम्बे रेशों वाली कपास का होता है। वहीं मध्यम प्रकार वाले कपास की श्रेणी में 3.5 से 5 सेंटीमीटर लम्बे रेशों वाले कपास को शामिल किया गया है। कपास के कुल उत्पादन में करीब 45% हिस्सा मध्यम रेशों वाली कपास का होता है। बात करें छोटे रेशों वाले कपास की तो कपास के कुल उत्पादन में केवल 15% हिस्सा इस श्रेणी में आने वाली किस्मों का होता है। इस श्रेणी की कपास की किस्मों के रेशों की लम्बाई 3.5 सेंटीमीटर से कम होता है। कपास की उन्नत किस्मों की अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

कपास की भरपूर पैदावार के लिए देहात की इन किस्मों का करें चयन

  • देहात डीसीएस 1102: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में खेती के लिए ये उपयुक्त किस्म है। इस किस्म के बॉल्स आकार में बड़े एवं अधिक वजन वाले होते हैं। बॉल्स अच्छी तरह और सफाई से खुलते हैं जिससे कपास को चुनने में आसानी होती है। पौधों में अधिक संख्या में बॉल्स आते हैं, जिससे उपज में वृद्धि होती है। काली मिट्टी में उच्च प्रबंधन के साथ अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। यह किस्म रस चूसक कीटों के प्रति सहनशील है।
  • मैक्स कॉट: इस किस्म को तैयार होने में 140-145 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के पौधे लम्बे होते हैं और पौधों में लगने वाले प्रत्येक बॉल्स का वजन 5.5-6.0 ग्राम होता है। बॉल आकार में बड़े और अच्छी तरह खुलने वाले होते हैं। जिससे कपास को आसानी से चुन सकते हैं। इस किस्म के पौधे रस चूसक कीटों लिए प्रतिरोधी होते हैं।

कपास की भरपूर पैदावार देने वाली कुछ अन्य बेहतरीन किस्में

  • रासी 659: यह किस्म की खेती के लिए मध्यम भारी मिट्टी उपयुक्त है। फसल को तैयार होने में 145-160 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के पौधों में लगने वाले बॉल बड़े आकार के होते हैं। जिससे अधिक वजन वाला कपास प्राप्त किया जा सकता है। बॉल साफ एवं अच्छी तरह फटते हैं, जिससे कपास को चुनने में आसानी होती है।
  • कावेरी एटीएम: यह माध्यम अवधि में तैयार होने वाली किस्म है। इस किस्म को तैयार होने में 150-170 दिनों का समय लग सकता है। इस किस्म के पौधे सीधे होते हैं और पौधों में अधिक संख्या में बॉल्स लगते हैं। इस किस्म के पौधों में लगने वाले बॉल आकार में बड़े होते हैं। प्रत्येक बॉल का वजन 4.5-6.5 ग्राम तक होता है। पौधों के इंटरनोड की दूरी कम होती है और यह किस्म रस चूसने वाले कीटों और सीएलसीयूवी के लिए प्रतिरोधी है।
  • महिको जंगी: यह जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है। फसल करीब 150-160 दिनों में तैयार हो जाती है। इन पौधों में लगने वाले बॉल्स के बीच की दूरी कम होती है।
  • अजीत 155: इस किस्म की खेती माध्यम हल्की मिट्टी में की जा सकती है। यह माध्यम अवधि की फसल है। बुवाई के बाद फसल करीब 140-150 दिनों में तैयार हो जाती है। पौधों में लगने वाले बॉल मध्यम आकर के होते है। यह किस्म रस चूसक कीटों के प्रति सहनशील है। इस किस्म के पौधे सूखे की स्थिति के प्रति भी सहनशील होते हैं। जिससे पानी की कमी वाले क्षेत्रों या सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं होने पर भी इसकी खेती की जा सकती है।
  • सीड़ प्रो 8694: इस किस्म की फसल को तैयार होने में 160-170 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के पौधे लम्बे एवं मजबूत होते हैं। जिससे पौधों के गिरने की संभावना कम हो जाती है। पौधों की पत्तियां मखमली होती हैं। इस किस्म के पौधों में रस चूसक कीटों के प्रकोप की संभावना कम होती है। पौधों से कपास को चुनने में आसानी होती है।
  • रासी सुपर 773: यह जल्दी से माध्यम से अवधि की फसल है। फसल को तैयार होने में 140-150 दिनों का समय लगता है। पौधों की लम्बाई अधिक होती है। यह किस्म रस चूसक कीटों के लिए प्रतिरोधी है।
  • क्रिस्टल 7007: यह किस्म जल्दी से माध्यम अवधि में तैयार हो जाती है। फसल को तैयार होने में 170-175 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के कपास के बॉल माध्यम आकार के एवं गोल होते हैं। यह किस्म शुरूआती रस चूसक कीटों के प्रति सहनशील है।
  • महिको बलराज: इस किस्म की फसल को तैयार होने में 160-170 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के पौधों में लगने वाले कपास के बॉल का आकार बड़ा होता है। बॉल का वजन भी अधिक होता है। बॉल की तुड़ाई में आसानी होती है।

आप किस किस्म के कपास की खेती करते हैं और इससे आपको कितनी पैदावार प्राप्त होती है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: कपास कौन से महीने में बोया जाता है?

A: कपास आमतौर पर भारत खरीफ मौसम में यानी मई और जून के महीनों के दौरान बोया जाता है। हालांकि, बुवाई का सही समय क्षेत्र और मौसम की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकता है। कुछ क्षेत्रों में अप्रैल महीने में भी बुवाई की जा सकती है।

Q: कपास की खेती में कौन सा खाद डालें?

A: कपास के बेहतर विकास के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना आवश्यक है। फसल में उचित मात्रा में यूरिया, डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) के साथ सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) खाद का भी प्रयोग करें।

Q: कपास कैसे बोए?

A: कपास की बुवाई से पहले कई बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। जिसमें भूमि की तैयारी, बीज का चयन, बीज की मात्रा, बीज की गहराई, उर्वरकों का प्रयोग, आदि शामिल है।

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