करेले में पीलेपन की समस्या एवं बचाव के असरदार उपाय

करेले के छोटे फलों में पीलेपन का कारण
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करेले के पौधों में अक्सर बढ़ते तापमान के कारण छोटे फलों में पीलेपन की समस्या देखने को मिलती है।
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पानी की कमी के कारण करेले के छोटे फल पीले होने लगते हैं।
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फफूंद जनित रोग जैसे डाउनी और पाउडरी मिल्ड्यू भी करेले के फलों को छोटी अवस्था में पीले कर देते हैं।
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करेले में पोषक तत्वों की कमी के कारण फल छोटी अवस्था में ही पीले होने लगते हैं।
फलों में पीलेपन से होने वाले नुकसान
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सबसे पहले छोटे फलों के साथ लगे फूल सूखने लगते हैं।
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पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
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पौधे उचित मात्रा में भोजन नहीं बना पाते।
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पीलेपन के शिकार पौधे सूख कर मर जाते हैं।
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किसानों को पैदावार में कमी से नुकसान उठाना पड़ता है।
रोकथाम के उपाय
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प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेंडाजिम मिलाकर छिड़काव करें।
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आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करने से इस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण किया जा सकता है।
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फसल में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए देहात एजी वाइटल की 5 ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें।
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