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धान
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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क्या होती है बोरो धान; कैसे करें इसकी रोपाई

पूरे भारतवर्ष में विविध भू-जलवायु और वर्षा पर कृषि की निर्भरता को ध्यान में रखते हुए देश में धान की खेती तीन अलग-अलग मौसमों में की जाती है। पहली अमन या सर्दियों के चावल, यह फसल खरीफ़ मौसम में जून-जुलाई से नवंबर-दिसंबर के महीने तक होती है। दूसरा मौसम आहु या पतझड़, ज़ायद के मौसम में मार्च-अप्रैल से जून–जुलाई तक उगाए जाने वाले चावल हैं और तीसरा है बोरो या ग्रीष्मकालीन चावल जो नवंबर-दिसंबर से मई-जून के मध्य में उगाए जाते हैं।

शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में फसल उत्पादन के लिए पानी की कमी हमेशा ही एक समस्या रही है। ऐसे में खेतों में जल आपूर्ति के लिए किसानों को केवल बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है और सिंचाई का दबाव भूजल संसाधन पर बढ़ जाता है। ऐसे समस्याओं का समाधान है खेती में इजात हो रही नई तकनीक एवं फसलों की विभिन्न प्रकार की किस्में जो कम पानी में भी बेहतर उत्पादन दे सकती हैं।

बोरो चावल

बोरो चावल सामान्यत: निचली जलभराव वाले क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। यह उच्च उत्पादकता वाले चावल है, जिसमे खरीफ की तुलना में कम मेहनत लगती है। इसके अलावा ग्रीष्मकालीन ऋतु की फसल होने के कारण यह कीट पतंगों के प्रकोप से भी काफी हद तक बच जाती है। बोरो चावल की नर्सरी नवंबर से दिसंबर के मध्य में लगा दी जाती है, जिसके बाद यह फसल जनवरी से फरवरी मध्य के दौरान रोपाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है। तो आइये जानते हैं बोरो चावल की रोपाई कैसे करें।

रोपाई तकनीक

परंपरागत रूप से बोरो चावल को छिछले पानी में रोपा जाता है। नदी के किनारे जहां सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता पूरी हो साथ ही उच्च जल स्तर वाले खेत बोरो चावल की खेती के लिए उपयुक्त हैं।

  • बोरो की फसल 40 से 50 दिनों के बाद रोपाई के लिए तैयार हो जाती है जब रोपाई में 5-6 पत्तियां आ जाए। बहुफसली क्षेत्रों में मार्च के प्रथम पखवाड़े में भी रोपाई की जा सकती है

  • रोपाई से पहले खेत में 2 से 3 बार जुताई अवश्य कर लें।

  • पहली जुताई के बाद 4 टन गोबर की विघटित खाद प्रति एकड़ खेत में बिखेर कर दूसरी जुताई कर पाटा लगाए।

  • 2-3 पौध प्रति पहाड़ी की दर से 2-3 सेंटीमीटर गहरी पानी में रोपाई करें।

  • पौधे के बीच की दूरी 15×15 सेंटीमीटर बनाए रखें।

  • कम तापमान के कारण रोपाई के बाद पौधों की मृत्यु हो जाती है। इसलिए 8-10 दिनों के बाद खेत में इष्टतम पौधों की आबादी को बनाए रखने के लिए गैप फिलिंग करनी चाहिए।

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