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6 June
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लेजर स्केयरक्रो तकनीक: खेतों से पक्षियों को भगाने का यंत्र | Laser Scarecrow Technology: A Device to Scare Birds Away from Fields

भारत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ सामान्य पक्षियों में कौवे, कबूतर, मैना और तोते शामिल हैं। खेतों में पक्षियां फसलों को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। पक्षियों से होने वाले नुकसान के परिणामस्वरूप किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है, विशेष रूप से छोटे पैमाने के किसानों के लिए जो अपनी आजीविका के लिए अपनी फसलों पर निर्भर हैं। पक्षियों को खेतों से दूर भगाने के लिए किसान अक्सर जाल, पक्षियों को भगाने का यंत्र एवं ध्वनि उपकरण का प्रयोग करते हैं। लेकिन कृषि क्षेत्र में लगातार हो रहे आविष्कारों में पक्षियों को भगाने की एक आधुनिक तकनीक भी शामिल हो गई है, जिसे लेजर स्केयरक्रो के नाम से जाना जाता है। इसे लेजर बिजूका तकनीक भी कहा जाता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम फसलों में पक्षियों से होने वाले नुकसान, पक्षियों को भगाने का तरीका, लेजर स्केयरक्रो तकनीक के फायदे और इस तकनीक के इस्तेमाल में आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

फसलों को पक्षियों से होने वाले नुकसान | Damage to crops caused by birds

  • पक्षी फलने और पकने के चरणों के दौरान फसलों को अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • ये फलों पर चोंच मार सकते हैं, बीज खा सकते हैं और पत्तियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे फसल की उपज और गुणवत्ता कम होने लगती है।
  • कई बार पक्षियों के कारण फसलों में कुछ संक्रामक रोगों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

क्या है लेजर स्केयरक्रो तकनीक? | What is Laser Scarecrow Technology?

लेजर स्केयरक्रो तकनीक कृषि में पक्षियों को भगाने का यंत्र है। यह तकनीक खेतों से पक्षियों को डराने के लिए लेजर बीम का उपयोग करती है। प्रौद्योगिकी कृषि क्षेत्र में लेजर बीम को पेश करके काम करती है, जिससे प्रकाश का एक चलती हुई आकृति बनती है। इस लेजर की आकृति को पक्षी शारीरिक खतरे के रूप में देखते हैं। लेजर आकृति से खतरे का आभास होने से पक्षी खेतों एवं फसलों से दूर भाग जाते हैं। लेजर स्केयरक्रो तकनीक को पक्षी नियंत्रण का एक पर्यावरण अनुकूल और मानवीय तरीका माना जाता है, क्योंकि यह पक्षियों या पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह पारंपरिक पक्षी नियंत्रण विधियों, जैसे जाल या रासायनिक विकर्षक के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प भी है।

कृषि में लेजर स्केयरक्रो तकनीक के फायदे | Benefits of Laser Scarecrow Technology in Agriculture

  • प्रभावी पक्षी नियंत्रण: लेजर स्केयरक्रो तकनीक फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले पक्षियों को डराने और खेतों से दूर भगाने में अत्यधिक प्रभावी है।
  • पर्यावरण के अनुकूल: पारंपरिक पक्षी नियंत्रण विधियों में रसायनों या भौतिक बाधाओं का उपयोग किया जाता है। जिससे पक्षियों को क्षति पहुंचने की संभावना बनी रहती है। इसके विपरीत लेजर स्केयरक्रो तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है। यह पक्षियों या अन्य वन्यजीवों को नुकसान नहीं पहुंचाता है और यह मिट्टी या पानी में कोई हानिकारक अवशेष नहीं छोड़ता है। जिससे पर्यावरण पर भी कोई प्रतिकूल असर नहीं होता है।
  • लागत प्रभावी: लेजर स्केयरक्रो तकनीक लंबे समय में एक लागत प्रभावी पक्षी नियंत्रण विधि साबित हो सकती है। हालांकि प्रारंभिक निवेश पारंपरिक तरीकों से अधिक हो सकता है, लेकिन इसके लिए न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है और इसका जीवनकाल लंबा होता है। जिससे कई वर्षों तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, जो इसे लागत प्रभावी बनाता है।
  • प्रयोग करने में आसान: लेजर स्केयरक्रो तकनीक का उपयोग करना आसान है और इसे दूरस्थ रूप से संचालित किया जा सकता है। इसे विशिष्ट समय पर चलाने और बंद करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है और यह न्यूनतम प्रयास के साथ एक बड़े क्षेत्र को कवर कर सकता है।
  • बहुमुखी: लेजर स्केयरक्रो तकनीक का उपयोग विभिन्न प्रकार की कृषि सेटिंग्स में किया जा सकता है, जिसमें फल के बाग, फूलों की खेती, सब्जियों और अन्य फसलों के खेत शामिल हैं। इसका उपयोग खरगोश, हिरण, बंदर, जैसे पशुओं को डराने के लिए भी किया जा सकता है।

कृषि में लेजर स्केयरक्रो तकनीक की चुनौतियां | Challenges of Laser Scarecrow Technology in Agriculture

  • उच्च प्रारंभिक लागत: लेजर स्केयरक्रो तकनीक खरीदने और स्थापित करने की प्रारंभिक लागत अधिक हो सकती है, जो छोटे किसानों के लिए एक बाधा बन सकती है। हालांकि लम्बे समय में ये लागत प्रभावी साबित होती है।
  • तकनिकी जानकारी: कई बार ऐसा देखा गया है कि छोटे या ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी थोड़ी कम होती है। जिससे इसका इस्तेमाल करना उनके लिए थोड़ा कठिन हो सकता है।
  • प्रतिकूल मौसम की स्थिति में सीमित प्रभावशीलता: लेजर स्केयरक्रो तकनीक प्रतिकूल मौसम की स्थिति जैसे भारी बारिश, कोहरा या बर्फ पड़ने पर उतनी प्रभावी नहीं हो सकती है। यह अप्रत्याशित मौसम पैटर्न वाले क्षेत्रों में इसकी प्रभावशीलता को सीमित कर सकता है।
  • सीमित कवरेज क्षेत्र: लेजर स्केयरक्रो तकनीक में एक सीमित कवरेज क्षेत्र है, जिसका अर्थ है कि बड़े कृषि क्षेत्रों को कवर करने के लिए कई इकाइयों की आवश्यकता हो सकती है। इससे किसानों की समग्र लागत बढ़ सकती है।
  • आंखों के नुकसान का खतरा: अगर सही तरीके से उपयोग न किया जाए तो लेजर बीम मानव आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। लेजर स्केयरक्रो तकनीक का संचालन करने वाले किसानों और श्रमिकों को किसी भी संभावित आंखों के नुकसान से बचने के लिए इसे सुरक्षित रूप से उपयोग करने के तरीके पर प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
  • कुछ पक्षी प्रजातियों पर सीमित प्रभाव: कुछ पक्षी प्रजातियां लेजर स्केयरक्रो तकनीक से प्रभावित नहीं हो सकती हैं, जिसका अर्थ है कि प्रभावी पक्षी नियंत्रण प्राप्त करने के लिए लेजर स्केयरक्रो तकनीक के साथ संयोजन के रूप में अन्य पक्षी नियंत्रण विधियों का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है।

क्या आप पहले से लेजर स्केयरक्रो तकनीक से वाकिफ थे और क्या आप भविष्य में इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। किसी क्षेत्र से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की अधिक जानकारी के लिए 'कृषि टेक' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: लेजर बिजूका क्या हैं?

A: लेजर बिजूका ऐसे उपकरण हैं जिसके द्वारा फसलों से पक्षियों और अन्य जानवरों को डराने के लिए लेजर बीम का उपयोग किया जाता है। पक्षी लेजर से बनी आकृति से डर कर भाग जाते हैं और फसलों को कोई नुकसान भी नहीं होता है।

Q: बिजूका किसके लिए उपयोग किया जाता है?

A: बिजूका का उपयोग कृषि में पक्षियों और अन्य जानवरों को फसलों से डराने के लिए किया जाता है। इसे सामान्य तौर पर पुआल या अन्य सामग्रियों से बने होते हैं और एक मानव आकृति के समान बनाए जाते हैं। लेकिन अब बाजार में लेजर स्केयरक्रो तकनीक जैसा पक्षियों को भगाने का यंत्र भी उपलब्ध है।

Q: चिड़ियों को भगाने के लिए क्या करें?

A: भारत में फसलों से पक्षियों को भगाने के कई तरीके हैं। कुछ सामान्य तरीकों में बिजूका, परावर्तक टेप या चमकदार वस्तुओं, जाल और पक्षी विकर्षक स्प्रे का उपयोग करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, कुछ ऐसी फसलें लगाना जिन्हें पक्षी खाना पसंद नहीं करते हैं, पक्षी क्षति को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। आप खेत में लेजर स्केयरक्रो तकनीक का भी उपयोग कर सकते हैं। चिड़ियों को भगाने का यह एक बेहतरीन विकल्प है।

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