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लौकी के फलों को पीला होकर सूखने से कैसे बचाएं?
लौकी के फलों को पीला होकर सूखने से कैसे बचाएं?
लौकी के छोटे फलों में पीले हो कर सूख कर गिरने की समस्या बढ़ती जा रही है। इससे लौकी की पैदावार पर प्रतिकूल असर होता है। इस समस्या से निजात पाना बेहद जरूरी है। फलों का पीला हो कर सूख कर गिरने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमे फफूंद जनित रोग का होना, कीट का प्रकोप, सिंचाई की कमी, उर्वरकों की असंतुलित मात्रा शामिल है। इन सभी कारणों में फफूंद जनित रोग का होना सबसे मुख्य कारण है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम लौकी के फलों को प्रभावित करने वाले फफूंद जनित रोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
रोग का लक्षण
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सबसे पहले छोटे फलों के साथ लगे फूल सूखने लगते हैं।
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धीरे-धीरे यह रोग फलों को भी प्रभावित करता है।
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कुछ समय बाद छोटे फल पीले एवं भूरे होने लगते हैं।
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रोग बढ़ने के साथ फल पूरी तरह सूख कर गिरने लगते हैं।
कैसे करें नियंत्रण?
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कुछ समय के अंतराल पर फसलों का निरीक्षण करें।
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प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेंडाजिम मिलाकर छिड़काव करें।
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आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करने से भी इस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण किया जा सकता है।
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