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25 Sep
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फसलों में कैसे करें फल मक्खी कीट पर नियंत्रण | Methods to Control Fruit Fly Infestation

फल मक्खी कीट यानी फ्रूट फ्लाई किसानों के लिए एक गंभीर समस्या है, जो विभिन्न प्रकार की फसलों को प्रभावित करता है। यह कीट फलों के अंदर अंडे देकर उनके पोषण को खत्म कर देता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों पर बुरा असर पड़ता है। विशेष रूप से तरबूज, खरबूजा, आम, अमरूद, नींबू वर्गीय फल, केला, पपीता, टमाटर, बैंगन, मिर्च  जैसी फसलों पर इसका आक्रमण अधिक होता है। एक फल मक्खी 40 फलों को प्रभावित कर सकती है। यह मक्खियां फलों के छिलकों में छेद कर के अंडे देती हैं। अंडों से 3 से 5 दिनों के बाद इल्लियां निकलती हैं। करीब 20 से 25 दिनों तक यह इल्लियां फलों को नुकसान पहुंचाने के बाद फलों से निकल कर भूमि पर गिरने लगती हैं। भूमि पर गिरने के बाद यह प्यूपा में बदल कर मिट्टी के अंदर चली जाती हैं। मिट्टी के अंदर जाने के करीब 1 सप्ताह बाद इल्लियां बाहर निकलती हैं और दोबारा अंडे देने के लिए तैयार हो जाती हैं। इससे आप फल मक्खियों के तेजी से बढ़ने का अंदाजा लगा सकते हैं। फसल की सुरक्षा और बेहतर उत्पादन के लिए समय रहते इस कीट पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। आइए फल मक्खियों पर अधिक जानकारी प्राप्त करते हुए हम इनके प्रकोप का लक्षण एवं नियंत्रण के तरीकों पर चर्चा करें।

कैसे करें फल मक्खी की पहचान | How to Identify Fruit Fly

  • आकार: एक व्यस्क फल मक्खी के शरीर की लम्बाई करीब 3 से 4 मिलीमीटर तक होती है।
  • रंग: आमतौर पर ये कीट भूरे-पीले रंग के होते हैं और इनकी आंखें लाल रंग की होती हैं।
  • पंख: इस कीट के शरीर पर 1 जोड़ा पारदर्शी पंख होता है।

फल मक्खी का जीवन चक्र | Life cycle of fruit fly

  • अंडा: मादा कीट सफेद-हल्के पीले रंग के अंडे देती है। केवल में 2 से 3 दिनों लार्वा अंडों से बाहर आने लगता है।
  • लार्वा: इस कीट का लार्वा करीब 10 से 12 दिनों के बाद प्यूपा में बदल जाता है।
  • प्यूपा: फल मक्खी के जीवन चक्र का यह समय आमतौर पर 10 से 12 दिनों का होता है। प्यूपा की अवस्था में ये कीट मिट्टी में रहते हैं।
  • वयस्क कीट: यह प्यूपा चक्र के बाद की अवस्था है। एक वयस्क फल मक्खी का जीवन काल 2 से 3 महीने का होता है। इस दौरान ये कीट कई बार अंडे दे कर अपनी संख्या में तेजी से वृद्धि करते हैं।

फल मक्खी कैसे पहुंचाती हैं फसलों को नुकसान? | Damage caused by fruit fly in crops

  • वयस्क मादा कीट सबसे पहले अंडे देने के लिए फलों में छेद करती है और फलों के अंदर ही अंडे देती है।
  • फलों के बाहरी सतह पर छोटे-छोटे छेद नजर आने लगते हैं।
  • 2 से 3 दिनों में अंडों से लार्वा निकलने लगता है और ये फल को अंदर से खाने लगता है। प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा-मेढ़ा होने लगता है।
  • फल पकने से पहले ही फलों के गिरने की समस्या शुरू हो जाती है।
  • इस कीट का प्रकोप बढ़ने पर फल सड़ने लगते हैं।
  • कभी-कभी फलों की सतह के छेद से रस निकलने लगता है।
  • ऐसे फलों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

फल मक्खी पर नियंत्रण के तरीके | Methods to control fruit fly

  • खेत में पौधों को लगाने से पहले एक बार गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी में पहले से मौजूद प्यूपा नष्ट हो जाते हैं।
  • फसल को इस कीट के प्रकोप से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं।
  • बुरी तरह प्रभावित पौधों को उंखाड़ कर नष्ट कर दें।
  • प्रति एकड़ भूमि में 6 से 8 फेरोमोन ट्रैप लगाएं। इसमें लगे गंधपाश (ल्योर) से नर कीट आकर्षित हो कर फंस जाते हैं। नर कीटों की संख्या कम होने पर मादा कीट अंडे नहीं दे पाती। इससे फल मक्खियों की वृद्धि पर रोक लगाई जा सकती है।
  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 4-6 स्टिकी ट्रैप भी लगा सकते हैं।
  • इस कीट से प्रभावित फलों को तोड़ कर नष्ट कर दें।

फल मक्खी पर नियंत्रण के लिए रासायनिक विधि | Chemical method to control fruit fly

  • प्रति एकड़ खेत में 360 मिलीलीटर सायंट्रानिलिप्रोल 10.26% ओडी (एफएमसी बेनेविया) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 100 मिलीलीटर फ्लुबेंडियामाइड 8.33% + डेल्टामेथ्रिन 5.56% एससी (बायर फेनोस क्विक) का प्रयोग करें।

रासायनिक कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के समय रखें इन बातों का ध्यान | Keep these things in mind while spraying pesticides

  • सुरक्षा का ध्यान: दवाओं के प्रयोग के समय सुरक्षा का ध्यान रखें और मुंह, नाक एवं आंखों को अच्छी तरह ढकें।
  • उचित मात्रा: फसलों को नुकसान से बचाने के लिए दवाओं का प्रयोग उचित मात्रा में करें। इसके साथ दवाओं के लेबल पर दिए गए निर्देशों का भी पालन करें।
  • हवा की दिशा का ध्यान: तेज हवा चलने पर दवाओं का छिड़काव करने से बचें। हवाओं की दिशा के साथ दवाएं दूसरी फसलों या खेतों में भी जा सकती हैं।
  • भंडारण एवं रख-रखाव: कीटनाशक दवाओं को किसी सूखे एवं ठंडे स्थान पर रखें। दवाओं को धूप में न रखें।
  • पहुंच से दूर: हानिकारक रसायनों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए कीटनाशक दवाओं के पैकेट को बच्चों एवं पशुओं की पहुंच से दूर रखें। दवाओं के संपर्क में आने पर सबसे पहले पानी से साफ करें और नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

फसलों को फल मक्खी से बचने के लिए आप जैविक या रासायनिक किस विधि को प्राथमिकता देते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। फसलों को विभिन्न रोगों एवं कीटों से बचाने की अधिक जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: फल मक्खी का जीवन काल कितना होता है?

A: फल मक्खी का जीवन काल करीब 50 से 60 दिनों का होता है। इस दौरान ये कीट कई बार समूह में अंडे दे कर अपनी संख्या को तेजी से बढ़ाते हैं।

Q: फल मक्खी का नियंत्रण कैसे करें?

A: फल मक्खियों पर नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप, फल मक्खी ट्रैप, स्टिकी ट्रैप, खेत की गहरी जुताई, रासायनिक दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। इससे फल मक्खियों पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

Q: फल मक्खियों के लिए कौन सा कीटनाशक सबसे अच्छा है?

A: फल मक्खियों पर नियंत्रण के लिए आप इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं। इस कीट की समस्या अधिक होने पर अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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