लहसुन की फसल में उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management in Garlic Crop)

लहसुन की खेती में उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management) का महत्वपूर्ण योगदान है। सही समय पर सही मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करने से लहसुन की फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता दोनों में वृद्धि होती है। लहसुन की गांठ बड़ी और स्वस्थ होती हैं, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है। इसके विपरीत, यदि उर्वरकों का प्रयोग अत्यधिक किया जाता है, खासकर यूरिया का, तो लहसुन जल्दी खराब हो सकता है और उसकी गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इस लेख में हम लहसुन की फसल में उर्वरक प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
लहसुन में खाद एवं उर्वरक प्रबंधन कैसे करें? (How to manage manure and fertilizer in garlic?)
- बेसल डोज (Basal Dose): लहसुन की फसल की तैयारी करते समय, खेत में उचित पोषण की आवश्यकता होती है। इसके लिए, 80 क्विंटल अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद का उपयोग करें, जिससे मिट्टी की जैविकता बढ़ती है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। इसके अलावा, NPK 12:32:16 (100-150 किलोग्राम/एकड़), DAP 18:46:0 (50-75 किलोग्राम/एकड़), MOP (25-30 किलोग्राम/एकड़) और SSP (50-60 किलोग्राम/एकड़) का प्रयोग करें। यह उर्वरक पौधों को प्रारंभिक अवस्था में संतुलित पोषण प्रदान करते हैं, जिससे उनकी वृद्धि और विकास तेज़ी से होता है।
- टॉप ड्रेसिंग 1 (Top Dressing 1): लहसुन की फसल के शुरुआती चरणों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। इसे पूरा करने के लिए, 25 किलोग्राम यूरिया/एकड़ का प्रयोग करें। यूरिया में उच्च मात्रा में नाइट्रोजन होता है, जो पौधों की पत्तियों और तनों के विकास में मदद करता है। साथ ही, 5 किलोग्राम सूक्ष्म पोषक तत्व/एकड़ का प्रयोग करें, जिसमें जिंक, बोरान और आयरन जैसे तत्व शामिल होते हैं, जो पौधों की वृद्धि और सुरक्षा में सहायक होते हैं।
- टॉप ड्रेसिंग 2 (Top Dressing 2): लहसुन की फसल के अंतिम चरण में, जब पौधे पूरी तरह से बढ़ने के बाद गांठ बनाने के लिए तैयार होते हैं, तब 20 किलोग्राम यूरिया/एकड़ का उपयोग करें। यह पौधों को अंतिम बढ़त और गांठों के आकार में सुधार करता है। साथ ही, सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्प्रे (जैसे 0.52.34 और बोरान) करें, जो पौधों की अंतिम वृद्धि को उत्तेजित करता है और स्वस्थ उत्पाद की प्राप्ति सुनिश्चित करता है।
खड़ी फसल में उर्वरक का प्रयोग (Fertilizer Use in Growing Crop):
- पहले 40 दिन (First 40 Days): इस चरण में, लहसुन के पौधों को 19:19:19 उर्वरक (3 ग्राम) और सूक्ष्म पोषक तत्व (1 ग्राम) को प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें। यह उर्वरक पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम प्रदान करता है, जो पौधों की स्वस्थ वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। इससे पौधे जल्दी बढ़ते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
- 40-75 दिन (40-75 Days): इस अवधि में, 0.52.34 (MKP) मोनो पोटेशियम फॉस्फेट उर्वरक (3 ग्राम) और बोरॉन 20% (डाई सोडियम ऑक्टा बोरेट टेट्रा हाइड्रेट) (1 ग्राम) को प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें। यह उर्वरक पौधों के पत्तियों, फूलों और फलियों के विकास में मदद करता है। बोरान फूलों और फलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है, जिससे बेहतर उत्पादन मिलता है।
- 75-110 दिन (75-110 Days): जब पौधों का विकास पूरी तरह से हो जाए, तो 0.0.50 (एसओपी) पोटेशियम सल्फेट उर्वरक (5 ग्राम) और सूक्ष्म पोषक तत्व (1 ग्राम) को प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें। यह उर्वरक पौधों को पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा देता है, जिससे गांठों का आकार बढ़ता है और उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होती है।
स्प्रे का पुनरावृत्ति (Repeat After 15 Days):
हर छिड़काव के बाद 15 दिन के अंतराल पर इन उर्वरकों का पुनः छिड़काव करें। यह प्रक्रिया पौधों को निरंतर पोषण देती है, जिससे उनकी वृद्धि बेहतर होती है और उच्च गुणवत्ता का उत्पाद मिलता है।
क्या आप लहसुन की खेती करते हैं? अगर हाँ, तो लहसुन में आप कौन-कौन से उर्वरकों का प्रयोग करते हैं? कृपया अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारी के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: लहसुन को मोटा करने के लिए क्या करना चाहिए?
A: लहसुन की कलियों को मोटा और स्वस्थ बनाने के लिए फसल को नियमित रूप से पानी दें और संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक उर्वरकों का उपयोग करें। फसल को खरपतवार, रोग, और कीटों से सुरक्षित रखें, ताकि पौधे स्वस्थ रहें और बल्बों का आकार अच्छा हो। फसल का उचित देखभाल से उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होता है।
Q: लहसुन कितने दिन में जम जाता है?
A: लहसुन के बीज को अंकुरित होने में लगभग 7-10 दिन लगते हैं। इस प्रक्रिया के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी और सही तापमान का होना आवश्यक है। यदि तापमान और नमी अनुकूल हैं, तो लहसुन जल्दी जमता है, जिससे पौधे मजबूत और स्वस्थ बनते हैं।
Q: लहसुन की खुदाई कब करनी चाहिए?
A: लहसुन की खुदाई का सही समय तब होता है जब पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं। पत्तियों के सूखने के बाद फसल को ज्यादा देर तक मिट्टी में न छोड़ें, क्योंकि इससे बल्बों में विभाजन का खतरा रहता है। समय पर खुदाई करने से लहसुन की गुणवत्ता बेहतर रहती है और भंडारण में भी आसानी होती है।
Q: लहसुन में पोटाश कब डाले?
A:
लहसुन में पोटाश का प्रयोग खेत तैयार करते समय किया जाता है। खेत में NPK 12:32:16 या DAP का प्रयोग करते समय पोटाश की पूर्ति होती है। इसके अलावा, आप MOP (म्यूरेट ऑफ पोटाश) का भी प्रयोग कर सकते हैं। यह पौधों के अच्छे विकास के लिए जरूरी है, खासकर जब लहसुन की गांठ बन रही होती हैं। पोटाश लहसुन के पौधों में गांठों का आकार बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
Q: लहसुन में कैल्शियम नाइट्रेट कब डालें?
A:
लहसुन में कैल्शियम नाइट्रेट का प्रयोग खुदाई से 30 दिन पहले किया जाता है। यह नाइट्रोजन के साथ कैल्शियम की कमी को भी पूरा करता है, जो पौधों की जड़ों और गांठों के विकास में मदद करता है। कैल्शियम नाइट्रेट को यूरिया की दूसरी खुराक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, ताकि पौधों में आवश्यक पोषक तत्वों की सही आपूर्ति हो सके और लहसुन की गांठ अच्छी तरह से विकसित हो सके।
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