लहसुन में पीलापन का कारण एवं नियंत्रण के सटीक उपाय

कई बार लहसुन की खेती करने वाले किसान लहसुन की पत्तियां पीली होने की शिकायत करते हैं। लेकिन लहसुन में पीलापन का कारण एवं नियंत्रण की सही जानकारी नहीं मिलने के कारण किसानों को इस समस्या से निजात पाने में बहुत कठिनाई होती है। जिससे उन्हें उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है। अगर आपकी लहसुन की फसल में हो रही है पीलेपन की समस्या तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप फसल में पीलापन का कारण एवं इस पर नियंत्रण के तरीके जान सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
लहसुन की फसल में पीलापन का कारण
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पत्तियों के पीले होने का सबसे प्रमुख कारण है नाइट्रोजन की कमी।
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इसके अलावा रस चूसक कीटों का प्रकोप होने पर भी पत्तियां मुड़ने लगती हैं और उनका रंग भी पीला होने लगता है।
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लहसुन की फसल में फफूंद लगने पर भी पत्तियां पीली होने लगती हैं।
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इसके अलावा पौधों की जड़ों में कीड़ा लगने से जड़ों का विकास रुक जाता है और लहसुन के पौधों की पत्तियां पीली नजर आने लगती हैं।
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आवश्यकता से अधिक सिंचाई एवं जल जमाव भी पत्तियों के पीले होने के कारणों में शामिल है।
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कई बार मौसम में परिवर्तन से भी यह समस्या उत्पन्न होती है।
लहसुन की पत्तियों में पीलापन होने पर क्या करें?
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नाइट्रोजन की मात्रा की पूरी करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 1 किलोग्राम एन.पी.के 19:19:19 का प्रयोग करें। इसके अलावा आप उचित मात्रा में यूरिया का छिड़काव कर के भी नाइट्रोजन की कमी पूरी कर सकते हैं।
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थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिला कर छिड़काव करें।
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फफूंद लगने पर 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
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यदि जड़ों में कीड़े लग रहे हैं तो नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफॉस 50 प्रतिशत ई.सी. का प्रयोग करें।
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कीरनाशक एवं फफूंद नाशक दवाओं के प्रयोग के समय खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होना आवश्यक है।
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खेत में आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने से बचें।
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