लीची के फलों को फटने से कैसे बचाएं?

लीची के फलों का फटना एक बड़ी समस्या है। वातावरण में नमी की कमी होने पर लीची के फलों के छिलके फटने लगते हैं। ऐसे में फलों की गुणवत्ता खराब हो जाती है और फल उपयोग के लायक नहीं रहते। परिणाम स्वरुप किसानों का भारी नुकसान हो जाता है। अगर आप भी हैं परेशान लीची के फलों के फटने से तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप लीची के फलों के फटने का कारण एवं बचाव के तरीके जान सकते हैं।
लीची के फलों के फटने का कारण
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बोरान की कमी होने पर फल फटने लगते हैं।
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पानी की कमी होने पर भी फलों के फटने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
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वातावरण में अधिक गर्मी भी फलों के फटने के कारणों में शामिल है।
फलों को फटने से कैसे बचाएं?
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बोरान की पूर्ति के लिए प्रति लीटर पानी में 20 से 22 ग्राम बोरोसोल मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 8 से 10 ग्राम बोरेक्स मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
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जब फल मटर के दाने के आकार के हो जाएं तब 1 सप्ताह के अंतराल पर नियमित रूप से सिंचाई करें।
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इसके अलावा 20 लीटर पानी में 4 मिलीलीटर नेप्थलीन एसिटिक एसिड नामक हार्मोन दवा मिलाकर छिड़काव करने से भी फलों को फटने से बचाया जा सकता है।
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आवश्यकता होने पर 10 दिनों के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस पोस्ट में बताई गई दवाओं एवं अन्य तरीकों को अपनाकर आप नीचे के फलों को फटने से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र लीची के फलों को फटने से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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