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19 June
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मानसून सीजन में इस विधि से करें ब्राह्मी की खेती, होगी जोरदार पैदावार

मानसून सीजन में इस विधि से करें ब्राह्मी की खेती, होगी जोरदार पैदावार

परिचय

  • ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है जिसकी बीज, जड़ें, पत्ते और गांठो का प्रयोग विभिन्न प्रकार की दवाईयां बनाने में किया जाता है।

  • ब्राह्मी के प्रत्येक गांठ से शाखाएं निकलती है जिसके कारण यह पौधा भूमि में अधिक फैलाव लेता है।

  • पौधे की पत्तियां नरम गूदेदार और पौधे पर सफेद रंग के फूल निकलते हैं। जिसके कारण इसे हिंदी में सफेद चमनी के नाम से भी जाना जाता है।

ब्राह्मी के औषधीय गुण

  • ब्राह्मी का प्रयोग स्मृति और एकाग्रता को मजबूत करने के लिए किया जाता है।

  • तनाव से राहत देने और सूजन जैसी समस्याओं में ब्राह्मी का उपयोग फायदेमंद माना जाता है।

  • ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं,जो प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।

  • इसके अलावा त्वचा और बालों संबंधी समस्याओं में भी ब्राह्मी का प्रयोग कारगर है।

ब्राह्मी की खेती का समय

  • ब्राह्मी मानसून की फसल है।

  • ब्राह्मी की खेती में बुवाई का उचित समय जून से जुलाई का होता है।

खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी

  • ब्राह्मी की खेती के लिए गर्म आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होता है।

  • तापमान 33 से 44 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए।

  • 60-65% आर्द्रता फसल के उत्पादन के लिए आदर्श होती है।

  • भूमि का पीएच मान 5 से 7 के मध्य होना चाहिए।

  • ब्राह्मी के बेहतर विकास के लिए तेजाबी, दोमट, रेतीली और हल्की काली मिट्टी में इसकी खेती की जानी चाहिए।

रोपाई की विधि

  • फसल की रोपाई कलमों के द्वारा की जाती है।

  • प्रति एकड़ में रोपाई के लिए लगभग 25000 कलम की आवश्यकता होती है।

  • कलमों के बीच 20 X 20 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • खेत में रोपाई पनीरी लगाकर करें।

  • जड़ वाले पौधों को सीधा खेत में ही लगा दें।

  • ब्राह्मी की बुवाई बीजों के माध्यम से बी की जाती है। इसके लिए बुवाई से पहले बीज को 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।

खेत तैयार करने की विधि

  • सबसे पहले मिट्टी पलटने वाली हल से एक बार गहरी जुताई करें।

  • गहरी जुताई के बाद कुछ दिनों तक खेत को खुला रहने दें।

  • इसके बाद 2 से 3 बार हल्की जुताई कर के खेत की मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी बना लें।

  • आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 टन गोबर की खाद मिलाएं।

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ब्राह्मी की खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप अपने सवाल हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

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