मेथी की खेती: बुवाई का समय, बीज दर व बीज उपचार

हमारे देश में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पंजाब में मेथी की खेती प्रमुखता से की जाती है। मेथी के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत उत्पादन केवल राजस्थान में किया जाता है। इसकी खेती हरी पत्तियां, सूखी पत्तियां एवं दाने (बीज) प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस पोस्ट के माध्यम से आप मेथी की बुवाई का उपयुक्त समय, बीज की मात्रा एवं बीज उपचार की विधि देख सकते हैं।
बुवाई का समय
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मैदानी क्षेत्रों में मेथी की बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने में की जाती है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी बुवाई मार्च से मई तक की जाती है।
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दक्षिण भारत के क्षेत्रों जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु में इसकी खेती रबी एवं खरीफ दोनों मौसम में की जाती है।
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कसूरी मेथी की खेती के लिए ठंड का मौसम सर्वोत्तम है।
बीज की मात्रा
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यदि आप सामान्य मेथी की खेती करना चाहते हैं तो प्रति एकड़ जमीन में 8 से 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
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यदि आप कसूरी मेथी की खेती कर रहे हैं तो आपको 4 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
बीज उपचारित करने की विधि
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स्वस्थ एवं रोग रहित बीज प्राप्त करने के लिए बीज हमेशा किसी प्रमाणित खाद-बीज भंडार से खरीदें।
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प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम बाविस्टिन से उपचारित करें।
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इसके बाद बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें।
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इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि सबसे पहले कवकनाशक या कीटनाशक से बीज को उपचारित करें इसके बाद जीवाणु युक्त दवा प्रयोग करें।
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बीज उपचारित करते समय कीटनाशक या फफूंद नाशक दवाओं को राइजोबियम कल्चर के साथ न मिलाएं। ऐसा करने से कल्चर में मौजूद जीवाणु फफूंद नाशक दवा के कारण नष्ट हो जाते हैं।
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