मिर्च का पत्ती मरोड़ रोग एवं इससे बचाव के उपाय

मिर्च की फसल में आर्द्र गलन, मिर्च का चूर्णिल आसिता, मिर्च का फल गलन, विष्णु रोग, जीवाणु पत्ती धब्बा आदि कई रोग पाए जाते हैं। मिर्च की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाने वाला रोग है पत्ती मरोड़ रोग। इस रोग को कुकड़ा और चुरड़ा-मुरड़ा रोग के नाम से भी जाना जाता है। चलिए जानते हैं इस रोग के कारण, लक्षण और इससे बचाव के कुछ उपायों के बारे में।
कारण
- पत्ती मरोड़ रोग थ्रिप्स और माइट जैसे कीटों के कारण होता है।
- इस रोग के फैलने का मुख्य कारण हैं सफेद मक्खियां, जो इस रोग को एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलाने का काम करती हैं।
लक्षण
- इस रोग में मिर्च की पत्तियां सिकुड़ कर ऊपर या नीचे की तरफ मुड़ जाती हैं।
- थ्रिप्स के कारण पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं।
- माइट के प्रकोप से पत्तियां नीचे की तरफ मुड़ने लगती हैं।
- रोग बढ़ने पर पौधों का विकास रुक जाता है।
- फलस्वरूप मिर्च की पैदावार में कमी आ जाती है।
बचाव के उपाय
- रोग से ग्रसित पौधों को नष्ट कर देना चाहिए।
- सफेद मक्खियों पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम का तेल मिला कर छिड़काव करें।
- थ्रिप्स के प्रकोप को कम करने के लिए प्रति 1 लीटर पानी में 2.5 मिलीलीटर ट्राइजोफॉस 40 ई.सी मिला कर छिड़काव करें।
- माइट से बचाव के लिए 1 लीटर पानी में 2 मिलीलीटर प्रोपरजाईट 57 प्रतिशत मिला कर छिड़काव करें।
- यदि मिर्च के पौधों पर थ्रिप्स और माइट दोनों का प्रकोप हुआ है तो कीटनाशक और माइटीसाइड दोनों का छिड़काव करना चाहिए।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ
