मिर्च में आर्द्रगलन प्रबंधन (Damping off management in chilli)

रोग के लक्षण: मिर्च की नर्सरी या शुरुआती अवस्था में छोटे पौधों के तने के पास गलन शुरू होती है, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा पोषण ग्रहण नहीं कर पाता। गंभीर स्थिति में पत्तियां पीली होकर मुरझाने लगती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है। संक्रमित तने पर काले या भूरे धब्बे आ जाते हैं, जिससे पौधे धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। यदि समय पर नियंत्रण न किया जाए, तो पूरा पौधा नष्ट हो सकता है।
नियंत्रण के प्रभावी तरीके:
- बीज उपचार: मेटालैक्सिल-एम 31.8% ई.एस @ 2 मि.ली./किग्रा बीज से उपचार करें।
- ड्रेंचिंग: मैंकोजेब 75% WP @ 3 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर जड़ों में डालें।
- स्प्रे: रिडोमिल गोल्ड (मेटालैक्सिल 4% + मैनकोज़ेब 64%) @ 3 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें।
मिर्च में आर्द्रगलन रोग से बचाव के लिए आप कौन-कौन सी दवाओं का उपयोग करते हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं। ऐसी ही उपयोगी जानकारी के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को फॉलो करें और इस जानकारी को लाइक और शेयर करें!
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