मक्का: बीज उपचार करेगा सैनिक सुंडी से बचाव

सैनिक सुंडी यानी फॉल आर्मी वर्म मक्के की फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। ये कीट पौधों के लगभग सभी हिस्सों को खा कर फसल को बहुत समय में नष्ट कर सकते हैं। मादा सैनिक सुंडी कीट एक बार में 50 से 200 अंडे देती है। 3 से 4 दिनों में अंडों से लार्वा निकलने लगते हैं। इससे इस कीट के तेजी से बढ़ने का अंदाजा लगा सकते हैं।
मक्का की फसल में सैनिक सुंडी से होने वाले नुकसान
- लार्वा पत्तियों को खुरचकर खाते हैं।
- पत्तियों पर सफेद रंग की धारियां नजर आने लगती हैं।
- व्यस्क कीट पत्तियों के ऊपरी हिस्से के साथ मक्के के दाने एवं उसे ढकने वाली पत्तियों को खा कर फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं।
बीज उपचार के द्वारा कैसे करें सैनिक सुंडी से बचाव?
- मक्के की फसल को सैनिक कीट से बचाने के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 6 मिलीलीटर सायानट्रानिलिप्रोल 19.8% + थायामेथॉक्सम 19.8% एफएस (सिंजेंटा - फोर्टेंज़ा ड्यूओ) से उपचारित करें।
सैनिक सुंडी पर नियंत्रण के कुछ अन्य तरीके
- यदि संभव हो तो कीट के अंडों को इकट्ठा कर के नष्ट कर दें।
- प्रति एकड़ खेत में 4 से 6 फेरोमोन ट्रेप लगाएं।
सैनिक सुंडी पर नियंत्रण के लिए रासायनिक विधि
- इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ जमीन में 80 ग्राम एमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस.जी (देहात इल्लीगो) का छिड़काव करें।
- फसल पर लार्वा की संख्या अधिक होने पर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 9.3% + लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 4.6% जेडसी (सिंजेंटा - एमप्लिगो) की 80 मिलीलीटर मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ की दर से करें।
मक्का की फसल में सैनिक सुंडी पर नियंत्रण के लिए आप किस विधि का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को अभी फॉलो करें।
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