पोस्ट विवरण
सुने
मक्का
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
1 year
Follow

मक्का में ‘फॉल आर्मी वर्म’ कीट का बढ़ा प्रकोप, जानें कैसे करें नियंत्रण

मक्का में ‘फॉल आर्मी वर्म’ कीट का बढ़ा प्रकोप, जानें कैसे करें नियंत्रण

मक्का की फसल में बुवाई से फसल की कटाई तक कई प्रकार के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें से पिछले एक दशक से देश के कई हिस्सों में खरीफ मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट ने किसानों की मुश्किलें बढ़ाई हुई है। कीट फसल पर रात के समय पर हमला करते हैं और केवल एक ही रात में फसल में भारी नुकसान पहुंचाने के लिए पूरी तरह से सक्षम होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते फॉल आर्मी वर्म कीट की पहचान कर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में मक्का एवं अन्य फसलों में कीट के प्रकोप से भारी तबाही की आशंका है।

फॉल आर्मी वर्म की पहचान

  • फॉल आर्मीवर्म कीट लेपिडोप्टेरा वर्ग से संबंधित एक प्रकार का कीट है।

  • फॉल आर्मी वर्म के लार्वा हरे ,जैतून ,हल्के गुलाबी या भूरे रंगों में दिखाई देते हैं। साथ ही पीठ के नीचे तीन हल्की पीली रेखाओं से कीट की भली भांति पहचान की जा सकती है।

  • कीट के सिर पर अंग्रेजी भाषा के वाई (Y ) आकार की एक सफ़ेद रंग की संरचना बनी होती है।

  • कीट का प्यूपा गहरे भूरे से काले रंग का होता है। जिससे नर या मादा मोथ बनते हैं।

  • नर मोथ के पंखों पर सफेद निशान होते है। जिससे कीट के नर वर्ग और मादा वर्ग में पहचान की जा सकती है।

कीट के लक्षण

  • लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाता है जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं।

  • जैसे-जैसे लार्वा बड़ा होता है, पौधों की ऊपरी पत्तियों को खाता है और अंत में पौधों के भुट्टे में घुसकर मुख्य अनाज को अपना भोजन बनाता है।

  • पत्तियों पर बड़े गोल छिद्र दिखाई देते हैं। इसके साथ ही लार्वा द्वारा त्यागे गए मल के धब्बे भी पौधों की पत्तियों पर देखे जा सकते हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • खेत को खरपतवार मुक्त रखें।

  • संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें, नाइट्रोजन युक्त उर्वरक विशेष रूप से यूरिया का अतिरिक्त उपयोग इस कीट को गंभीर रूप से बढ़ाता है। यूरिया की अधिकता फसलों को मुलायम बनाती है। जिससे मक्के की फसल कीटों के प्रति अधिक अनुकूल हो जाती है।

  • कीट की लारवल अवस्था पर नियंत्रण करने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी की 80 ग्राम मात्रा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़कें।

  • फसल पर लार्वा की संख्या अधिक होने पर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 9.3% के साथ लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 4.6% जेडसी की 14 ग्राम मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ खेत में करें।

  • ध्यान रखे की खेत में कीटनाशक का छिड़काव सुबह या शाम के समय ही करना चाहिए। दोपहर में छिड़काव करने से दवाई का उचित प्रभाव नहीं होता है।

यह भी पढ़ें:

मक्का में ‘फॉल आर्मी वर्म’ कीट की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 के माध्यम से देहात के कृषि विशेषज्ञों से जुड़कर उचित सलाह लें और समय पर फसल का बचाव करें। साथ ही अपने नज़दीकी देहात केंद्र से उच्च गुणवत्ता के उर्वरक एवं कीटनाशक खरीद जैसी सुविधा का लाभ उठाएं।

2 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ