मक्के के विभिन्न प्रकार
मक्का कई प्रकार का होता है। जिनमे से कुछ प्रकार के फसल सामान्य अवधि में तैयार होते हैं तो कुछ प्रजातियों की फसल जल्दी तैयार हो जाती है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके लिए मक्के की कुछ किस्मों की जानकारी ले कर आए हैं।
-
गंगा 5 : संकर किस्म के इस मक्के की फसलों को तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिन लगते हैं। प्रति हेक्टेयर जमीन से करीब 50 से 60 क्विंटल फसल प्राप्त किया जा सकता है।
-
प्रकाश : यह जल्दी पकने वाली संकर किस्मों में शामिल है। बिहार, उड़ीसा, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है। बुआई के 80-85 दिन बाद इसकी कटाई की जा सकती है। प्रति हेक्टेयर जमीन से लगभग 40 से 45 क्विंटल मक्के का पैदावार होता है।
-
प्रकाश (जे.एच. 3189) : यह संकर किस्म की जल्दी पकने वाली प्रजातियों में से एक है। इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है। फसल 80-85 दिन में तैयार हो जाते हैं। किसान एक हेक्टेयर खेत से लगभग 25-30 क्विंटल फसल प्राप्त कर सकते हैं।
-
डी 941 : यह संकुलित किस्म का मक्का है। इसकी खेती हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में की जाती है। प्रति हेक्टेयर जमीन से लगभग 40 से 45 क्विंटल फसल प्राप्त होता है। इसके फसल को तैयार होने में 80-85 दिन का समय लगता है।
-
एस.पी.वी.1041 : इसकी खेती मध्य प्रदेश में की जाती है। इसके दाने सफेद रंग के होते हैं। फसलों को तैयार होने में 110 से 115 दिन समय लगता है। प्रति हेक्टेयर भूमि से लगभग 30-32 क्विंटल मक्के का पैदावार होता है।
-
शक्ति 1 : इसकी खेती पूरे देश में की जा सकती है। इस किस्म के पौधों में बुआई के लगभग 90-95 दिन बाद फसल तैयार हो जाते हैं। करीब 50 क्विंटल मक्का प्रति हेक्टेयर जमीन से प्राप्त होता है।
कुछ अन्य किस्में
ऊपर दी गई किस्मों के अलावा भी कई और किस्में पाई जाती हैं। जिनमे से अरुण, धवल, राजेंद्र हायब्रिड 1, राजेंद्र हायब्रिड 2, पूसा हायब्रिड 1, पूसा हायब्रिड 2, गुजरात मक्का 2, माहीकंचन, किरण, शक्तिमान, स्वीट कॉर्न माधुरी , प्रभात, चंदन 3, विक्रम, पी.ए.सी. 738, गौरव, नवज्योति आदि प्रमुख हैं।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ