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मक्का
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
4 year
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मक्के की कटाई व भंडारण

मक्का मोटे अनाज की श्रेणी का एक प्रमुख खाद्य फसल है। मक्के की फसल तैयार होने के बाद उसकी कटाई और भंडारण करना सबसे जरूरी है। इस पोस्ट के माध्यम से आप मक्के की कटाई और भंडारण के समय ध्यान देने वाली बातों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कटाई

  • मक्के की कुछ प्रजातियां जल्दी तैयार होती हैं। वहीं कुछ किस्मों को तैयार होने में अधिक समय लगता है।

  • यदि कटाई में देर की जाए तो मक्के की मिठास में कमी हो जाती है।

  • कटाई के लिए रात का समय और सुबह का समय सबसे उपयुक्त है।

  • चारे वाली फसल बुवाई के लगभग 60 से 65 दिन बार तैयार हो जाती है।

  • मक्के की देशी किस्मों को तैयार होने में करीब 75 से 85 दिन समय लगता है।

  • संकर और संकुल किस्में 90 से 115 में कटाई के तैयार हो जाती हैं।

  • जब मक्के की फसल में करीब 25 प्रतिशत नमी रहे और दानों का रंग पीला हो जाए तब इसकी कटाई कर लेनी चाहिए।

  • दानों के साथ उसे ढकने वाली पत्तियां भी पीली होने लगे तब मक्के की कटाई का सर्वोत्तम समय होता है।

  • इसकी कटाई दो चरणों में की जाती है। पहली कटाई में खेत से पौधों को काटा जाता है। फिर दूसरी कटाई में मक्के को पौधों से काट कर अलग किया जाता है।

  • कटाई के बाद इसकी गहाई सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।

  • सेलर उपलब्ध न हो तब थ्रेशर से भी गहाई की जा सकती है।

  • गहाई के लिए मक्के को ढकने वाले पत्तों को निकालने की जरूरत नहीं होती है।

भंडारण

  • मक्के को भंडारित करने से पहले दानों को अच्छी तरह धूप में सुखाना बहुत जरूरी है।

  • भंडारण से पहले दानों में करीब 12 प्रतिशत नमी होनी चाहिए।

  • मक्के को विभिन्न कीटों से बचाने के लिए प्रति क्विंटल दानों में 3 ग्राम की क्विकफास की गोली डालें।

  • क्विकफास की गोली को किसी पतले कपड़े में बांधने के बाद दानों में डालें और ड्रम का ढक्कन बंद कर दें।

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