मोथा घास पर नियंत्रण के सटीक उपाय

मोथा घास एक बारहमासी पौधा है। यह कंद वाला खरपतवार है और प्रचुर मात्रा में कंदों के निर्माण के कारण इस पर नियंत्रण करना बहुत कठिन हो जाता है। यह बहुत तेजी से बढ़ते हुए बहुत कम समय में पूरे खेत में फैल जाते हैं। धान की फसल में मोथा घास के कारण उपज में 50 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। धान के अलावा यह कई अन्य फसलों को भी प्रभावित करता है। हालांकि, कई औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है।
कैसे करें मोथा घास की पहचान?
- पौधों में शाखाएं नहीं होती हैं।
- पौधों को उखाड़ने पर कंद देखे जा सकते हैं।
- इसकी पत्तियां लम्बी होती हैं।
- पौधों की लंबाई 140 सेंटीमीटर यानी 55 इंच तक लंबी होती है।
- नमी वाले क्षेत्रों में यह खुद ही उगने लगते हैं।
कैसे करें मोथा घास पर नियंत्रण?
- इस पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 340-1700 मिलीलीटर पैराक्वाट डाइक्लोराइड 24% एस.एल. (देहात चॉपऑफ) का प्रयोग करें।
- खरपतवारों के प्रयोग के समय मिट्टी में नमी की कमी न होने दें।
खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।
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