मसूर : उकठा रोग से बचाव के उपाय

उकठा रोग बहुत तेजी से फैलने वाले रोगों में से एक है। समय रहते अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है। अगर आपको इस घातक रोग के लक्षण एवं इससे बचाव के उपायों की जानकारी नहीं है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप मसूर की फसल में लगने वाले उकठा रोग यानि फ्यूजेरियम विल्ट से निजात पाने के तरीके देख सकते हैं।
रोग का कारण
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उकठा रोग मिट्टी में रहने वाले फ्यूजेरियम समूह के फफूंद के द्वारा होता है।
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मौसम में होने वाला बदलाव भी इस रोग के उत्पन्न होने के मुख्य कारणों में से एक है।
रोग का लक्षण
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उकठा रोग से प्रभावित पौधों की ऊपरी पत्तियां एवं अन्य मुलायम भाग मुरझाने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर पूरा पौधा सूख जाता है।
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जड़ के पास तनों को फाड़ने पर अंदर काले, लाल या कत्थई रंग के धागों जैसे कवक देखे जा सकते हैं।
बचाव के उपाय
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फसल चक्र अपनाने से इस रोग के होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
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रोग से संक्रमित पौधों को खेत से बाहर निकाल कर नष्ट कर दें।
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संक्रमित क्षेत्रों में मसूर की खेती न करें।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी 1% डबल्यू.पी से उपचारित करें।
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खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 40 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद में 1.5 से 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी मिलाकर खेत में समान रूप से मिलाएं।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड मिलाकर छिड़काव करें।
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रोग के लक्षण दिखने पर कार्बेन्डाज़िम 50 डब्लू.पी 0.2 प्रतिशत घोल को पौधों की जड़ों में डालें।
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इस पोस्ट में बताए गए तरीकों को अपना कर आप इस घातक रोग पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी आवश्यक लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। मसूर की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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