मटका खाद तैयार करनी की विधि एवं इसका महत्व | Matka Khad: Essential Tips for Production and Usage

खेती में जैविक खादों का महत्व तेजी से बढ़ता जा रहा है। आज के समय में रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट देखी जा रही है। ऐसे में किसानों के लिए जैविक खाद एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। मटका खाद भी ऐसी ही एक जैविक खाद है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने और फसलों की सेहत में सुधार लाने के लिए उपयोगी है। इस आर्टिकल में हम मटका खाद के इस्तेमाल करने के फायदे, आवश्यक सामग्री, इसे तैयार करने की विधि, जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करेंगे।
मटका खाद क्या है? | What is Matka Khad (Mud Pot Manure)?
- मटका खाद एक जैविक खाद है, जिसे पुराने मिट्टी के मटकों में तैयार किया जाता है। यह खाद जैविक तत्वों से भरपूर होता है और इसे तैयार करने के लिए किचन से निकले कचरे, गाय के गोबर, गोमूत्र, गुड़, दाल के छिलके आदि का उपयोग किया जाता है।
- मटका खाद मिट्टी की सेहत को बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है और इसे पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से तैयार किया जाता है।
- रासायनिक खादों की तुलना में मटका खाद का फसलों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता और यह लंबे समय तक मिट्टी में पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करती है।
फसलों में मटका खाद इस्तेमाल करने के फायदे | Benefits of using matka khad
- मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: मटका खाद मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाती है, जिससे मिट्टी के कणों में नमी बनाए रखने की क्षमता बढ़ती है।
- फसल की उपज में वृद्धि: मटका खाद के उपयोग से फसल की पैदावार में वृद्धि होती है और यह पोषक तत्वों को धीरे-धीरे फसल तक पहुंचाने में मदद करती है।
- रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता में कमी: मटका खाद के उपयोग से रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होता है, जिससे लागत में भी कमी आती है और मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता बनी रहती है।
- पर्यावरण के लिए अनुकूल: मटका खाद पूरी तरह जैविक होने के कारण पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करती है और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने में सहायक होती है।
- मिट्टी में जैविक क्रियाओं को बढ़ावा: इस खाद में मौजूद सूक्ष्म जीव मिट्टी में जैविक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है।
मटका खाद में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं? | Nutrients found in matka khad
मटका खाद में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो फसलों के विकास के लिए आवश्यक हैं। इसमें मौजूद कुछ प्रमुख पोषक तत्वों की जानकारी यहां दी गई है।
- नाइट्रोजन: यह पौधों के विकास और फसल में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। इससे पौधे अधिक हरे-भरे नजर आते हैं।
- फॉस्फोरस: यह पौधों की जड़ों के विकास में सहायक है। इसके साथ ही पौधों में फूल-फल के निर्माण में भी फॉस्फोरस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- पोटेशियम: यह फसलों को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है और उनके संपूर्ण विकास में मदद करता है।
- कार्बन: यह मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है।
- अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व: मटका खाद में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर और जिंक जैसे कई सूक्ष्म पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो फसलों के सम्पूर्ण विकास में सहायक है।
मटका खाद बनाने के लिए सामग्री | Ingredients to make matka khad
- मिट्टी का मटका
- गाय का ताजा गोबर: 10 किलोग्राम
- गोमूत्र: 10 लीटर
- गुड़: 500 ग्राम
- बेसन: 500 ग्राम
- फल-सब्जियों के छिलके एवं अन्य जैविक कचरा: 1-2 किलोग्राम
- सूखी पत्तियां: 1-2 किलोग्राम
- पानी: आवश्यकता के अनुसार
मटका खाद बनाने की विधि | Process of making matka khad
- मटके का चयन: सबसे पहले एक बड़े आकार का मिट्टी का मटका लें और उसके तले में एक छोटा छेद करें। यह छेद हवा के संचार और गैसों के निकलने के लिए आवश्यक है।
- मटके में सामग्री भरें: सबसे पहले मटके में थोड़ा सा गोबर डालें। फिर बेसन एवं अन्य जैविक कचरा जैसे फल-सब्जियों के छिलके, सूखी पत्तियां और अन्य किचन वेस्ट डालें। इसके ऊपर गोमूत्र और गुड़ मिलाएं।
- सामग्री को मिलाएं: इन सबको अच्छी तरह से मटके में मिला लें। मटके को ऊपर तक न भरें। उसमें थोड़ा स्थान खाली रखें, जिससे खाद तैयार होते समय अंदर गैस का संचार हो सके।
- मटका ढकें: मटके के मुंह को कपड़े से ढक कर किसी छांव वाले स्थान पर रख दें।
- समय-समय पर मिलाएं: हर 7-10 दिनों के अंतराल पर मटके के अंदर के मिश्रण को लकड़ी की सहायता से हल्का मिलाएं।
- खाद तैयार होने का समय: मटका खाद तैयार होने में लगभग 30-40 दिनों का समय लगता है। जब मटके की सामग्री मिट्टी की तरह हो जाए और उसका रंग काला हो जाए, तब समझ लें कि खाद तैयार है।
कैसे करें मटका खाद का उपयोग? | How to use matka fertilizer?
मटका खाद का उपयोग करना बहुत आसान है। आप नीचे बताए गए तरीकों से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मिट्टी में मिला कर: खेत तैयार करते समय इस खाद को मिट्टी में मिला सकते हैं।
- पानी में मिला कर: इसे पानी में घोलकर पौधों की जड़ों में दिया जा सकता है या आप इसका इस्तेमाल ड्रिप सिंचाई के साथ भी कर सकते हैं।
- पौधों की जड़ों में डाल कर: पौधों की जड़ों के पास डालकर भी इस खाद का प्रयोग कर सकते हैं।
- बेहतर परिणाम: फसलों को लगाने के 15-20 दिनों बाद इस खाद को डालने से सबसे अच्छा परिणाम मिलता है।
मटका खाद का किन फसलों में कर सकते हैं इस्तेमाल? | In which crops can matka fertilizer be used?
मटका खाद का उपयोग सभी प्रकार की फसलों में किया जा सकता है। विशेष रूप से सब्जी फसलों, दलहन, तिलहन, फलदार वृक्ष, और फूलों की खेती में यह बेहद उपयोगी साबित होती है।
- अनाज वाली फसलें: गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, आदि फसलों में भी मटका खाद का उपयोग किया जा सकता है।
- दलहन फसलें: चना, मटर, अरहर, मूंग, मसूर, आदि दलहन में इसका इस्तेमाल करने से अच्छी उपज प्राप्त होती है।
- तिलहन फसलें: सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी, आदि तिलहन फसलों में इस खाद का इस्तेमाल करने से फसलों की गुणवत्ता बेहतर होती है।
- फल वाली फसलें: आम, नींबू, अंगूर, केला, संतरा, आदि फलों में मटका खाद का उपयोग किया जा सकता है।
- सब्जी वाली फसलें: टमाटर, आलू, मिर्च, बैंगन, भिंडी, लौकी, करेला, मूली, प्याज, आदि सब्जियों में मटका खाद का प्रयोग अत्यधिक फायदेमंद होता है।
- फूलों वाली फसलें: गुलाब, जरबेरा, गेंदा, गुलदाउदी, गुड़हल, आदि फूलों की खेती में इस खाद का उपयोग किया जा सकता है।
- औषधीय फसलें: गिलोय, एलोवेरा, तुलसी, स्टीविया जैसी औषधीय फसलों में भी मटका खाद का प्रयोग लाभकारी होता है।
मटका खाद के निर्माण एवं इस्तेमाल के समय रखें इन बातों का ध्यान | Things to keep in mind while making and using matka khad
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: मटका खाद तैयार करते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें, जिससे खाद में किसी प्रकार का हानिकारक पदार्थ न मिलें।
- खाद को धूप से बचाएं: मटके को किसी छांव वाले स्थान पर रखें, इससे उसमें जैविक क्रियाएं सही तरीके से होंगी।
- सही सामग्री का चयन करें: मटका खाद के लिए केवल जैविक सामग्री का ही चयन करें, किसी भी प्रकार का प्लास्टिक या रासायनिक पदार्थ न मिलाएं।
- समय-समय पर जांच करें: खाद तैयार करते समय समय-समय पर मटके की जांच करें और अगर गंध आने लगे तो समझें कि कुछ गलत हो रहा है, और उसे सुधारें।
क्या आपने कभी मटका खाद तैयार किया है या पौधों में इसका उपयोग किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ शेयर भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए ‘देसी जुगाड़’ चैनल को तुरंत फॉलो करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: मटका खाद क्या होता है?
A: मटका खाद एक प्रकार का जैविक उर्वरक है जिसे मिट्टी के मटके में गोमूत्र, गोबर एवं अन्य जैविक पदार्थों से तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल मिट्टी की उर्वरता और फसल की उपज को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह प्राकृतिक और लागत प्रभावी है।
Q: मटका खाद कैसे बनाया जाता है?
A: मटका खाद के निर्माण के लिए मटके में छेद करके उसमें गोमूत्र और गोबर के साथ सूखी पत्तियां और फल-सब्जियों के छिलके डाल कर अच्छी तरह मिलाया जाता है। फिर मटके को ढक कर छांव वाले स्थान में रखना होता है। इस मिश्रण को हर 7-10 दिनों में मिलाएं। करीब 30-40 दिनों में खाद तैयार हो जाएगी।
Q: सबसे बढ़िया खाद कौन सी होती है?
A: अच्छे खाद का चयन फसलों के प्रकार एवं अवस्था के साथ मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों पर निर्भर करती है। इसलिए खाद का इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
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