मूंग की फसल में फूल आने से पहले करें यह काम और पाएं अधिक पैदावार

मूंग एक दलहनी फसल है। इसमें प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है। मूंग की फसल 60 से 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है। मूंग की खेती से किसानों को मुनाफा प्राप्त होता है, साथ ही यह फसल मिट्टी के लिए खाद का काम करती है। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है। तो चलिए आज हम जानते हैं किसान मूंग के पौधों पर फूल आने से पहले कौन से कार्य कर सकते हैं, जिससे फसल का उत्पादन अच्छा होगा। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
मूंग में फूल आने से पहले किए जाने वाले कार्य
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मूंग की फसल को अन्य फसलों की अपेक्षा नाइट्रोजन की कम आवश्यकता होती है।
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जड़ों के विकास के लिए फसल में 8 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस तथा 8 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।
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मूंग में 18 किलोग्राम प्रति एकड़ डीएपी डालें।
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मूंग की फसल की बुवाई के 10 से 15 दिन बाद पहली सिंचाई करें।
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10 से 12 दिन बाद फूल बनने के दौरान खेत में दूसरी सिंचाई करें।
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पौधों में फूल एवं फलियों की संख्या बढ़ाने के लिए 2 मिलीलीटर देहात फ्रूट प्लस को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए 10 ग्राम एजीवाइटल को 30 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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एजीवाइटल के प्रयोग से फसल में आयरन, मॉलीबेड़नुम, बोरोन, कॉपर, जिंक और मैंगनीज की पूर्ति होती है।
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खेत में खरपतवार पर नियंत्रण के लिए समय पर निराई-गुड़ाई करें।
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बुवाई के 15 से 20 दिन बाद पहली बार निराई गुड़ाई करें।
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बुवाई के 30 से 35 दिन बाद फसल में दूसरी बार निराई-गुड़ाई करें।
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मूंग के खेत में खरपतवार की अधिकता होने पर खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव करें।
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बुवाई के 5 से 7 दिन बाद घासकुल खरपतवार पर नियंत्रण के लिए पेंडीमेथलीन 30% ई.सी. का इस्तेमाल करें।
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बुवाई के 20 दिन बाद घासकुल, मोथाकुल खरपतवार पर नियंत्रण के लिए इमेजेथापायर 100 ग्राम का इस्तेमाल करें।
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खरपतवार नाशक दवाओं के छिड़काव के लिए फ्लैट फेन नोजल का ही प्रयोग करें।
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बारिश के समय खेत में पानी न भरने दें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मूंग की खेती में फूल आने से पहले ये कार्य कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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