मूंगफली में खोखले मिल रहे हैं दाने, अभी क्लिक कर देखें क्या है वजह

फली छेदक मूंगफली की फसल के लिए एक गंभीर कीट है। कीट का लार्वा सामान्यतः मिट्टी की सतह के नीचे फली पर दिखाई दे सकते हैं। मूंगफलियों पर फली छेदक कीट के संक्रमण की गंभीरता 14 से 70% तक पाई जा सकती है। फसल में संक्रमण के दौरान पत्तियों पर छोटे या बड़े अनियमित छेद, लंबी सलेटी धारियों और बालों के साथ हल्के हरे से भूरे रंग के कैटरपिलर की उपस्थिति दर्ज की जाती है। जिसके बाद ये फलों के भीतर प्रवेश कर बड़ी मात्रा में बीजों को नुकसान पहुंचाते हैं।
यह कीट मुख्यत: जब फलियों में दाना बनना शुरू होता है तब फलियों के अंदर प्रवेश करते हैं। कीट दाना बनने से पूर्व पत्तियों और पौधे के कोमल भाग को अपना निशाना बनाते हैं, ऐसे में पौधे में कटी फटी पत्तियों का दिखना आम लक्षण है। गंभीर रूप से संक्रमित खेत दूर से मुरझाया हुआ सा दिखने लगता है।
फली छेदक कीट पर नियंत्रण के उपाय
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बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें, जिससे मिट्टी में उपस्थित कीट या उनके अंडे खत्म हो जाएं।
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उचित मात्रा में ही खाद का प्रयोग करें।
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कीट से बचाव के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 पीली स्टिकी ट्रैप भी लगाए जा सकते हैं।
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इस कीट के नियंत्रण के लिए नोवेल्यूरॉन 5.25% + इंडोक्साकार्ब 4.50% एससी का 350 मिलीलीटर को 200 लीटर पानी के साथ प्रति एकड़ खेत की दर से इस्तेमाल करें।
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इसके अलावा कुइनालोफोस का 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी या क्लोरोपाइरीफॉस, 3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के साथ या फिर इमिडाक्लोप्रिड, 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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फसल में हल्की सिंचाई करें।
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कीट से बचाव के लिए मूंगफली की प्रतिरोधी किस्में टीएआरएम 1, पूसा 9072, आदि की खेती करें।
यह भी देखें:
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मूंगफली में बुवाई से खुदाई तक की विधि देखें वीडियो के साथ।
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