पोस्ट विवरण
मूंगफली के प्रमुख कीट एवं उनका नियंत्रण
मूंगफली के प्रमुख कीट एवं उनका नियंत्रण
दीमक, माहु, पत्ती सुरंग, सफेद लट, चोपा आदि कई कीट हैं जिनके प्रकोप से मूंगफली की फसल नष्ट हो सकती है। इन कीटों पर नियंत्रण कर के हम पैदावार में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली फसल भी प्राप्त कर सकते हैं। अच्छी फसल के लिए विभिन्न कीटों की पहचान और निजात पाने के उपाय यहां से देखें।
कुछ प्रमुख कीट
-
दीमक : मिट्टी में रहने वाले यह कीट पौधों की जड़ों को काट कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। केवल जड़ ही नहीं यह पौधों के तनों और मूंगफली के दानों को भी क्षति पहुंचाते हैं। इससे बचने के लिए बुवाई से पहले प्रति एकड़ जमीन में 4 किलोग्राम क्लोरोपाइरीफॉस 10% जी मिलाएं। इसके अलावा आप प्रति किलोग्राम बीज को 12 मिलीलीटर क्लोरोपाइरीफॉस 20 ई.सी से उपचारित करने के बाद बुवाई करें।
-
चोपा : चोपा यानि एफिड कीट पत्तियों एवं फूलों का रस चूसते हैं। जिससे पत्तियों में हरे रंग की कमी हो जाती है और पौधों का विकास रुक जाता है। इनसे बचने के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोरपिड मिला कर छिड़काव करें।
-
पत्ती सुरंगी सुंडी : यह कीट पौधों की पत्तियों में सुरंग बना कर रहते हैं और पत्तियों को अंदर से खाते हैं। जिसके कारण पत्तियों पर विभिन्न आकर की आकृतियां दिखने लगती हैं। इसका प्रकोप होने पर प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोरपिड मिला कर छिड़काव करें।
-
सफेद लट : इस तरह के कीट पौधों को खा कर फसल को हानि पहुंचाते हैं। परिणाम स्वरूप पौधे सूखने लगते हैं। इस कीट से बचने के लिए प्रति एकड़ जमीन में 10 किलोग्राम फोरेट का छिड़काव करें।
हमें उम्मीद है कि इस पोस्ट में दिए गए उपायों को अपना कर आप मूंगफली में लगने वाले विभिन्न कीटों से निजात पा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ