भिंडी की खेती: अधिक उपज देने वाली किस्में, सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन (Okra cultivation: high yielding varieties, irrigation and fertilizer management)
भिंडी एक लोकप्रिय सब्जी है। जिसे लोग लेडीज फिंगर या ओकरा के नाम से भी जानते हैं। भिंडी की अगेती फसल लगाकर किसान मित्र अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। भिंडी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण जैसे कैल्शियम, फास्फोरस के अतिरिक्त विटामिन 'ए', बी, 'सी', रिबोफ्लेविन एवं थाईमीन भी पाया जाता है। इसमें आयोडीन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। भिंडी का फल कब्ज रोगी के लिए असरकारक होता है।
भिंडी में अधिक उपज देने वाली उन्नत किस्में। (Improved varieties giving higher yield in okra)
- वर्षा उपहार : इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किस्म पीलिया रोग के लिए प्रतिरोधी है। इस किस्म के पौधों की लंबाई मध्यम होती है और दो गांठों के बीच की दूरी भी कम होती है। पौधों को लगाने के लिए करीब 45 दिनों बाद फल निकलने शुरू हो जाते हैं। प्रति एकड़ भूमि से 40 क्विंटल तक भिंडी की पैदावार होती है।
- अर्का अनामिका : यह किस्म पीली मोजेक विषाणु रोग के लिए प्रतिरोधी है। यह एक संकर किस्में है। इसके फल सुगंधित एवं स्वादिष्ट होते हैं। इस किस्म की भिंडी की भंडारण क्षमता भी अच्छी होती है। प्रति एकड़ भूमि से 8 टन तक फसल की उपज होती है।
- अर्का अभय : यह संकर किस्मों में से एक है। यह किस्म भी अर्का अनामिका की तरह पीली मोजेक विषाणु रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसके पौधे लंबे एवं फैले हुए होते हैं। इस किस्म के फलों की भंडारण क्षमता भी अच्छी होती है। प्रति एकड़ जमीन में खेती की जाए तो करीब 7.2 टन भिंडी प्राप्त हो सकती है।
- पूसा ए -4 : यह भिंडी की एक उन्नत किस्म है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा 1995 में निकाली गई हैं। यह किस्म एफिड तथा जैसिड के प्रति सहनशील है। इसके साथ ही पीतरोग यैलो वेन मोजैक विशाणु रोधी है। इसके फल मध्यम आकार के गहरे, कम लस वाले, 12-15 सेमी लंबे तथा आकर्षक होते है। पहली तुडाई 45 दिनों बाद शुरू हो जाती है और इसकी औसत पैदावार ग्रीष्म में 10 टन व खरीफ में 15 टन प्रति है० है।
- परभनी क्रांति : यह किस्म पीत-रोगरोधी है। 1985 में मराठवाड़ाई कृषि विश्वविद्याल परभनी द्वारा इस किस्म को निकला गया है। फल बुआई के लगभग 50 दिन बाद आना शुरू हो जाते हैं। फल गहरे हरे एवं 15-18 सेंमी लम्बे होते हैं। और इसकी पैदावार 9-12 टन प्रति है।
- हरभजन भिंडी : इस किस्म के फलों में कांटे नहीं होते हैं साथ ही फल चमकदार और लंबे होते हैं। इसके फलों में ज्यादा धारियों (लगभग 8) होती हैं। साथ ही बेहतरीन उत्पादन के लिए किसानों को मनपसंद किस्म है।
खाद प्रबंधन : वैसे तो भिंडी की खेती पूरे साल होती है लेकिन इसे खरीफ एवं गर्मी के मौसम में उगाया जाता है। भिंडी की खेती के लिए उचित तापमान 20 - 40 डिग्री सेंटीग्रेड है। अगर तापमान इससे ज्यादा होता है तो फूलों के गिरने की समस्या आती है और अगर तापमान इससे कम होता है तो बीजों के अंकुरण में कमी आ सकती है। इसके अतिरिक्त जैविक एवं रासायनिक उर्वरकों की सही मात्रा को सही समय पर डालना चाहिए जिससे भिंडी की पैदावार अच्छी हो।
- खेत तैयार करते समय 2 से 3 बार जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाने के लिए पाटा लगाएं। प्रति एकड़ खेत में 6 से 8 टन गोबर की खाद मिलाएं।
- प्रति एकड़ खेत में 32 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस एवं 24 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है। खेत तैयार करते समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा के साथ फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा मिलाएं। और नाइट्रोजन की आधी मात्रा को दो भागों में बांट कर खड़ी फसल में छिड़काव करें।
- फसल में मुख्य पोषक तत्वों एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति करें। फल एवं फूलों की संख्या में वृद्धि के लिए 15 लीटर पानी में 2 मिलीलीटर देहात फ्रूट प्लस का छिड़काव करें।
- भिंडी में अच्छी पैदावार के लिए फूल बनने की अवस्था में Planofix दवा 4 से 5 एम.एल 15 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
- भिंडी में सही मात्रा में पोषण देने के लिए नाइट्रोजन,फास्फोरस और पोटाश का छिड़काव 50 ग्राम 10 लीटर पानी में मिलाकर करें।
सिंचाई :
- भिंडी की फसल को समय-समय पर सिंचाई करना आवश्यक है। मिट्टी में नमी कम न होने दें और साथ ही खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था करें।
- सिंचाई मार्च में 10 से 12 दिन के अंतराल में करना चाहिए, अप्रैल में 7 से 8 दिन में और मई से जून के बीच में 4 से 5 दिन के अंतराल पर करें। बरसात में यदि बराबर वर्षा होती है तो सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- भिंडी में ड्रिप सिंचाई विधि अपनाएं इससे फसल की जड़ों में सीधा पानी पहुंचता है, जिससे कम पानी में जल्दी और बेहतर उत्पादन मिलता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)
Q: भिंडी कितने दिन में फल देती है?
A: भिंडी की बुवाई के लगभग 45 - 55 दिनों बाद पहली तुडाई शुरू हो जाती है।
Q: 1 एकड़ में भिंडी का बीज कितना लगता है?
A: 1 एकड़ में भिंडी का 4-5 किलो बीज पर्याप्त होता है।
Q: भिंडी का बीज कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?
A: भिंडी के बीज सीधे मिट्टी में बोए जाते हैं। फसल की बुवाई कतार में की जाती है। वसंत/गर्मी की फसल के लिए बीजों को कम दूरी (45 सेमी × 30 सेमी) पर बोया जाता है और बरसात के मौसम की फसल के लिए अधिक दूरी (60 सेमी × 45 सेमी) पर बोया जाता है।
Q: भिंडी की पहली सिंचाई कब करें?
A: भिंडी की फसल वैसे तो वर्षा आधारित होती है पर मौसम के अनुसार और आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए जैसे - मार्च महीनें में 10 से 12 दिन, अप्रैल महीनें में 7 से 8 दिन और मई से जून के महीनें में ज्यादा गर्मी की वजह से 4 से 5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
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