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16 Feb
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रबी फसलों में खरपतवार नियंत्रण के जैविक तरीके | Organic Methods for Weed Control in Rabi Crops

भारत में रबी फसलों में मुख्य रूप से गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों, आदि की खेती प्रमुखता से की जाती है। इन फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए खरपतवारों का प्रभावी नियंत्रण आवश्यक होता है। खरपतवार फसलों के साथ उगकर पोषक तत्व, पानी और धूप का उपभोग करते हैं, जिससे फसल की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रासायनिक खरपतवारनाशी जहां एक तरफ खरपतवारों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, वहीं दूसरी तरफ मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुंचाते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित कर सकते हैं। इसलिए, जैविक विधियों का उपयोग कर खरपतवार नियंत्रण करना न केवल फसल के लिए बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। इस आर्टिकल में हम रबी फसलों में खरपतवार नियंत्रण के विभिन्न जैविक तरीकों की विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

जैविक विधि से खरपतवारों पर नियंत्रण के फायदे | Benefits of Controlling Weeds through Organic Methods

  • पर्यावरण के लिए सुरक्षित: जैविक खरपतवार नाशक में हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं करने से फसलों एवं खेत की मिट्टी पर भी किसी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। केवल इतना ही नहीं, जैविक विधि से खरपतवारों पर नियंत्रण करने से मिट्टी में मौजूद सूक्ष्मजीव नष्ट नहीं होते हैं।
  • लागत में कमी: रासायनिक खरपतवार नाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करने के कारण कृषि में होने वाली लागत में कमी आती है।
  • उपज एवं गुणवत्ता में वृद्धि: फसलों की उपज बढ़ती है। इसके साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
  • सुरक्षित: जैविक तरीके से खरपतवारों को नियंत्रित करना फसलों और किसानों दोनों के लिए सुरक्षित होता है। इससे फसलों या मिट्टी में रसायनों का हानिकारक अवशेष नहीं रहता है।
  • मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि: हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं करने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।

रबी फसलों में जैविक विधि से खरपतवारों को नियंत्रित करने के तरीके | Methods to Control Weeds through Organic Methods

  • गहरी जुताई: रबी फसलों की बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें। इस तरह खेत में पहले से पनपे हुए खरपतवार नष्ट हो।
  • निराई-गुड़ाई: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए निराई-गुड़ाई सबसे कारगर तरीका माना जाता है। रबी फसलों को लगाने के बाद खेत में जब खरपतवारों की समस्या होने लगे तब निराई-गुड़ाई करें। फसल अवधि के समाप्त होने तक आवश्यकता होने पर इस प्रक्रिया को 2-3 बार किया जा सकता है।
  • मल्चिंग का प्रयोग: मल्चिंग यानी पलवार खरपतवार के नियंत्रण के लिए एक अच्छा तरीका है। खेत में मल्चिंग करने के लिए पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक कवर, पुआल या पत्तों आदि के द्वारा सही तरीके से ढकें। इससे खरपतवार का अंकुरण या विकास नहीं हो पाता है। इस तकनीक से फसल को लंबे समय तक खरपतवारों से सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • यांत्रिक विधि: खुरपी, पैडी वीडर, कोनोवीडर, आदि कई तरह के कृषि यंत्र बाजार में उपलब्ध हैं। खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए इनका उपयोग बहुत लाभदायक साबित होता है।
  • फसलों के बीच की दूरी: बीज की बुवाई या पौधों की रोपाई के समय दूरी का विशेष ध्यान रखें। आवश्यकता से अधिक दूरी होने पर खरपतवारों को पनपने की जगह मिलती है।
  • कवर फसलों की खेती: नकदी फसलों के बीच मिट्टी को ढकने के लिए कवर फसलें लगाई जाती हैं। कवर फसलों की खेती खरपतवारों को पनपने से रोकने में काफी हद तक कारगर साबित होती है।

रबी फसलों में जैविक विधि से खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए आप क्या तरीका अपनाते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं, जिससे हम आपको उचित सलाह दे सकें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'खरपतवार जुड़ाग' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और अन्य किसानों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: जैविक खेती में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?

A: जैविक खेती में खरपतवार नियंत्रण के लिए बाजार में हानिकारक रसायनों युक्त खरपतवार नाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। खरपतवारो पर नियंत्रण के लिए हाथों से निराई की जा सकती है। लेकिन इसमें समय एवं श्रम की आवश्यकता अधिक होती है। मल्चिंग के द्वारा खरपतवारों को पनपने से रोका जा सकता है। इसके अलावा फसल चक्र अपना कर या कवर फसलें की खेती भी खरपतवारों को नियंत्रित करने में कारगर साबित होती है।

Q: खरपतवार को नियंत्रण कैसे किया जाता है?

A: खरपतवारों को नियंत्रित करने के कई तरीके हैं, जिनमें निराई-गुड़ाई, मल्चिंग और रासायनिक नियंत्रण शामिल है। इसके अलावा कई तरह के कृषि उपकरण भी उपलब्ध हैं जिससे आप खरपतवारों पर नियंत्रण कर सकते हैं।

Q: खरपतवार नियंत्रण की आवश्यकता क्यों है?

A: खरपतवार खेत में मौजूद पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं। जिसे फसलों में पोषण की कमी हो जाती है। इसके अलावा कई ऐसे कीट एवं फफूंद हैं जो खरपतवारों में पहले पनपते हैं और बाद में मुख्य फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे फसलों की उपज एवं गुणवत्ता कम होने लगती है। इसलिए खरपतवारों पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।

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