फसल बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नाशक का उपयोग: फायदे और नुकसान

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खरपतवार खेत से करीब 20 प्रतिशत पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं। इससे निपटने के लिए किसान यांत्रिक विधि और रासायनिक विधि का सहारा लेते हैं। कई बार फसल की बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नाशक का प्रयोग किया जाता है। आइए फसल की बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नाशक प्रयोग करने के फायदे एवं नुकसान पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नाशक का उपयोग करने के फायदे
- खरपतवारों को पनपने से रोका जा सकता है।
- फसलों को उचित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
- फसल की उपज एवं गुणवत्ता बढ़ती है।
- खरपतवार विभिन्न रोगों एवं कीटों के बढ़ने का कारण होते हैं। इन पर नियंत्रण कर के हम रोगों एवं कीटों की समस्या से भी बच सकते हैं।
बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नाशक का उपयोग करने के नुकसान
- खरपतवार नाशकों का अधिक उपयोग करने से पौधों के पास कीटनाशक का प्रभाव कम हो सकता है, जिसके कारण कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है।
- कई बार अंकुरित फसल के नष्ट होने की भी संभावना होती है।
- इससे जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
- फसलों की पैदावार एवं गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
- खरपतवार नाशकों में कुछ हानिकारक रसायन भी हो सकते हैं, जो मिट्टी में मौजूद पौधों के लिए उपयोगी जीवों पर भी नकरात्मक प्रभाव डालते हैं। जिससे जीवसंख्या कम हो सकती है।
- खरपतवार नाशक के कुछ रसायनिक पदार्थ पृथ्वी के प्राकृतिक संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए इसके कारण पर्यावरण पर भी बी प्रभाव पड़ सकता है।
खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए बेहतरीन दवा
- खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 340-1700 मिलीलीटर पैराक्वाट डाइक्लोराइड 24% एस.एल. (देहात चॉपऑफ) का प्रयोग करें।
आप किस विधि से खरपतवारों पर नियंत्रण करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'खरपतवार जुगाड़' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।
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