फसलों में पोटाश की कमी के लक्षण एवं इसके फायदे

पौधों को कई पोषक तत्वों एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक, बोरोन, सल्फर, आदि शामिल हैं। कई बार किसान फसलों में यूरिया के द्वारा नितरोजेन की पूर्ति कर देते हैं। लेकिन कई अन्य पोषक तत्वों की अनदेखी कर बैठते हैं। इनमे पोटाश भी शामिल है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम फसलों में पोटाश की कमी के लक्षण एवं इसके फायदों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पोटाश की कमी के लक्षण
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जड़ें कमजोर हो जाती हैं।
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पौधे कमजोर हो कर गिरने लगते हैं।
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पोटाश की कमी होने पर पत्तियां किनारे से काटने फटने लगती हैं।
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पत्तियों के आगे का भाग भूरा हो जाता है।
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पत्तियां आकार में छोटी रह जाती हैं।
पौधों में पोटाश के फायदे
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पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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कोशिकाओं में स्थित जल की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक है।
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पाला एवं सूखे से होने वाली क्षति में कमी आती है।
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पौधे स्वस्थ एवं मजबूत होते हैं।
कैसे करें पोटाश की पूर्ति?
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खेत तैयार करते समय आवश्यकता के अनुसार पोटाश युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें।
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इसके अलावा खड़ी फसल में 2 से 4 प्रतिशत पोटैशियम सल्फेट के घोल का छिड़काव करें।
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