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8 Mar
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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना: लाभ एवं आवेदन की प्रक्रिया | Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana: Benefits and Application Process

भारत में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना की शुरुआत मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की आय में वृद्धि करनें के और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से की गई है। केवल भारत के स्थाई नागरिक ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का उद्देश्य, इसके लाभ, आवश्यक दस्तावज एवं आवेदन की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी प्रॉपर करें।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मुख्य उद्देश्य | Main Objective of PM Matsya Sampada Yojana

  • इस योजना मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना है।
  • इस योजना की शुरुआत रोजगार के अवसर पैदा करना और भारत में मछुआरों और मछली किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से की गई है।
  • मछली पकड़ने के लिए बंदरगाह, मछली लैंडिंग केंद्र, मछली बाजार और कोल्ड चेन सुविधाओं सहित मत्स्य पालन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का निर्माण और आधुनिकीकरण करना।
  • कृषि सकल मूल्य वर्द्धित और निर्यात में मत्स्य पालन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना।
  • मछली प्रसंस्करण इकाइयों, मछली पैकेजिंग इकाइयों और मछली निर्यात सुविधाओं की स्थापना सहित फसल कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करना।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से होने वाले लाभ | Benefits of PM Matsya Sampada Yojana

  • मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा: पीएमएमएसवाई के द्वारा मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है। जिससे देश में मछली और समुद्री भोजन की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
  • आयात पर निर्भरता में कमी: मछलियों के आयात पर निर्भरता में कमी आती है और देश की खाद्य सुरक्षा में सुधार करने में भी मदद मिलती है।
  • रोजगार के अवसर: इस योजना के माध्यम से मछुआरों और मछली पलकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • आजीविका में सुधार: यह योजना मछली पकड़ने वाले समुदायों में लोगों की आजीविका में सुधार करने में सहायक है।
  • मत्स्य पालन क्षेत्र का आधुनिकीकरण: इस योजना के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार एवं आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इससे इस क्षेत्र को अधिक कुशल और उत्पादक बनाया जा सकता है।
  • मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देना: यह योजना मत्स्य पालन क्षेत्र में मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देती है। जिससे  मछुआरों और मछली पलने वाले किसानों की आय में वृद्धि होती है।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए नियम एवं शर्तें | Terms and Conditions of PM Matsya Sampada Yojana

  • इस योजना लाभ भारत के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मछुआरे, मछली पालने वाले किसान एवं उद्यमी उठा सकते हैं।
  • इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास एक वैध आधार कार्ड होना चाहिए।
  • योजना के लाभार्थियों को योजना के नियमों का पालन करना आवश्यक है। नियमों के किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप वित्तीय सहायता या ऋण रद्द की जा सकती है।
  • नौकाओं के निर्माण, नए इंजनों की स्थापना, और मछली पकड़ने के जाल और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए रियायती दरों पर ऋण या सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज | Important Documents for PM Matsya Sampada Yojana

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए आवेदन करने के लिए आपके पास नीचे दिए गए दस्तावेजों का होना आवश्यक है।

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र
  • मत्स्य पालन के लिए लाइसेंस
  • निवास प्रमाण पत्र
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक खाता का विवरण (पासबुक)
  • आवेदक का जाति प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • तटीय क्षेत्र विनियमन प्राधिकरण से अनुमति
  • जमीन के दस्तावेज (यदि परियोजना के लिए भूमि की आवश्यकता है)
  • पार्टनरशिप डीड या मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए)

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन एवं आवेदन की प्रक्रिया | Registration Process of PM Matsya Sampada Yojana

PMMSY के केंद्रीय प्रायोजित योजना घटक के लिए:

  • लाभार्थी अपनी आवश्यकता के अनुसार PMMSY के संचालन दिशानिर्देशों के अनुसार अपना स्व-संयोजित प्रस्ताव/विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अपने नजदीकी जिला मत्स्य अधिकारी को या राज्य/संघ क्षेत्र के जिला में मछली पालन के कार्यक्रमों में सबमिट करना होगा।

पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र योजना घटक के लिए:

  • पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र योजना घटक के संबंध में परियोजना प्रस्ताव नीचे दिए गए पते पर भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग को प्रस्तुत किए जाने चाहिए:

सचिव

मत्स्य पालन विभाग

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

भारत सरकार

कमरा नंबर-221, कृषि भवन

नई दिल्ली - 110 001

ईमेल: secy-fishries@gov.in

  • इच्छित लाभार्थियों के लिए मत्स्य विकास गतिविधियों से संबंधित प्रस्तावों को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया के संबंध में अपने संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के जिला मत्स्य अधिकारी के साथ संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट: pmmsy.dof.gov.in

क्या आपने कभी प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ उठाया है? अपने अनुभव और कृषि संबंधित सवाल आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते हैं। यदि आपको आज के पोस्ट में दी गई जानकारी उपयोगी लगे, तो इसे लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। साथ ही किसानों के लिए चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं की अधिक जानकारियों के लिए 'किसान योजना' चैनल को जरूर फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ कैसे लें?

A: इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने क्षेत्र के नजदीकी मत्स्य पालन विभाग में संपर्क करें।

Q: पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए कौन पात्र है?

A: मछुआरे, मछली पालक किसान, मछली श्रमिक या मछली विक्रेता, मत्स्य पालन विकास निगम, मत्स्य पालन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह/संयुक्त देयता समूह, मत्स्य पालन सहकारी समितियां, मत्स्य पालन संघ, उद्यमी और निजी फर्म, मछली किसान उत्पादक संगठन/कंपनियां, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिलाएं/दिव्यांग व्यक्ति, राज्य सरकारें/केंद्रशासित प्रदेश और उनकी संस्थाएं, राज्य मत्स्य पालन विकास बोर्ड, केंद्र सरकार और उसकी संस्थाएं पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए पात्र हैं।

Q: पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए सब्सिडी राशि क्या है?

A: भारत सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी राशि लाभार्थी की श्रेणी के आधार पर भिन्न होती है। इस योजना के 'एकीकृत, समग्र मछली पालन' एवं 'अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि का विकास' घटक के तहत, सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए सब्सिडी राशि कुल परियोजना लागत का 40% तय किया गया है। वहीं अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / महिला लाभार्थियों के लिए कुल परियोजना लागत का 60% अनुदान राशि के तौर पर दिया जाना तय किया गया है।

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