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10 June
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'देहात एरीजोना वज्र' के साथ होगी दोगुनी पैदावार (With 'Dehaat Arizona Vajra', production will be doubled)


पौधों में फास्फोरस की कमी से उसका विकास रुक जाता है, जड़ें कमजोर होती हैं, और उपज में कमी आती है। इसलिए, पौधों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में फास्फोरस देना आवश्यक है। फास्फोरस घुलनशील बैक्टीरिया (PSB) इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये सूक्ष्मजीव मिट्टी में फास्फोरस की उपलब्धता को बढ़ाते हैं, जिससे फसलों की वृद्धि और पैदावार में सुधार होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, देहात ने एक बेहतरीन उत्पाद 'देहात एरिजोना वज्र' पेश किया है। इस उत्पाद की विशेषताओं और सही मात्रा के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

फास्फोरस घुलनशील बैक्टीरिया के लाभ (Benefits of Phosphorus Solubilizing Bacteria)

  • फास्फोरस की उपलब्धता: फसलों को 30 से 50 किलोग्राम ज्यादा फास्फोरस उपलब्ध होता है।
  • पैदावार में वृद्धि: फल और सब्जी की फसल की पैदावार में 20% से 30% तक वृद्धि होती है।
  • फसल की गुणवत्ता में सुधार: फास्फोरस और विभिन्न हार्मोनों की उपलब्धता से मिर्च, प्याज, टमाटर, बैंगन, और अन्य फसलों की गुणवत्ता बढ़ती है।
  • मिट्टी प्रदूषण में कमी: अनुशंसित उपयोग से मिट्टी का प्रदूषण कम होता है।
  • मिट्टी की प्रजनन क्षमता बनाए रखना: मिट्टी की प्रजनन क्षमता को बनाए रखता है और उसे स्वस्थ रखता है।

'देहात एरिजोना वज्र' उत्पाद की विशेषताएं (Advantages of ‘DeHaat Arizona Vajra’)

  • जल उपयोग क्षमता को बढ़ावा: एरिजोना वज्र खेती के प्रणाली में जल उपयोग क्षमता को बढ़ाता है।
  • मिट्टी की नमी धारण क्षमता को बढ़ावा: यह मिट्टी की नमी धारण क्षमता को बढ़ाता है जिससे खेतों में जल संचयन का स्तर बढ़ जाता है।
  • नियंत्रित पोषक रिलीज के कारण अवशोषण में मदद: इसका उपयोग नियंत्रित पोषक रिलीज के कारण अवशोषण में मदद करता है जो फसलों के लिए आवश्यक अवशोषित मिट्टी की ताजगी को बनाए रखता है।
  • भंडारित पानी को पौध बायोमास में परिवर्तित कर सकता है: यह भंडारित पानी को पौध बायोमास में परिवर्तित कर सकता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
  • जल संयोजन के लिए फसल उत्पादन में वृद्धि: इसका उपयोग करके जल संयोजन के साथ साथ फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।
  • सभी प्रकार की मिट्टियों के लिए उपयुक्त: एरिजोना वज्र सभी प्रकार की मिट्टियों के लिए उपयुक्त है।
  • सभी क्षेत्रों और बागवानी फसलों के लिए उपयुक्त: यह सभी क्षेत्रों और बागवानी फसलों के लिए उपयुक्त है।

'देहात एरिजोना वज्र' उत्पाद की उचित मात्रा Doses of 'DeHaat Arizona Vajra’ in soil

  • बीज बेड की तैयारी के लिए प्रति एकड़ - 5 किलोग्राम।
  • फलों के लिए पौधे बेसल डोज में प्रति पौधा - 750 ग्राम, मौसम के बाद के समय में 50 ग्राम।
  • फूल वाली फसलों के लिए प्रति 400 वर्ग मीटर - 1-2 किलोग्राम।
  • नर्सरी के लिए प्रति पौधा - 15-20 ग्राम।
  • गार्डन वाली फसलों (लॉन) के लिए प्रति एकड़ - 20 किलोग्राम (2 महीने के अंतराल पर दो भागों में)।

'देहात एरिजोना वज्र ' की उपलब्ध पैकिंग | Available packing of 'DeHaat Arizona Vajra’

  • बाजार में एरिज़ोना वज्र 5 किलोग्राम की पैकिंग में उपलब्ध है, जिससे इसे संभालना और उपयोग करना आसान हो जाता है।

फसलों को उचित बढ़वार देने के लिए आप किन उत्पादों का उपयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। देहात उत्पादों एवं सुविधाओं की अधिक जानकारी के लिए 'देहात' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: पीएसबी क्या है?

A: PSB का मतलब "फॉस्फेट घुलनशील बैक्टीरिया" है। ये लाभकारी सूक्ष्मजीवों का एक समूह है जो मिट्टी में अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील कर सकते हैं, जिससे यह पौधों को उपलब्ध हो जाता है। ये बैक्टीरिया कार्बनिक अम्ल और एंजाइम छोड़ते हैं जो फास्फोरस के जटिल रूप को सरल रूपों में तोड़ देते हैं जिन्हें पौधे की जड़ों द्वारा आसानी से अवशोषित किया जा सकता है। फास्फोरस पौधे की वृद्धि और विकास के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, और यह अक्सर फसल उत्पादन में एक सीमित कारक होता है। पीएसबी के उपयोग से मिट्टी में फास्फोरस की उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिल सकती है, जिससे पौधों की बेहतर वृद्धि, उच्च फसल पैदावार और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। भारत में, पीएसबी को गेहूं, चावल, मक्का और सब्जियों जैसी फसलों की वृद्धि और उपज में सुधार करने में प्रभावी पाया गया है। ये बैक्टीरिया रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने, स्थायी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में भी मदद करते हैं।

Q: पौधों में फॉस्फेट की कमी से क्या होता है?

A: पौधों में फास्फोरस की कमी से अवरुद्ध विकास, खराब जड़ विकास, कम उपज, गहरे हरे या बैंगनी रंग के पत्ते और परिपक्वता में देरी हो सकती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि स्वस्थ विकास और विकास को बढ़ावा देने के लिए पौधों को पर्याप्त मात्रा में फास्फोरस तक पहुंच हो।

Q: फसलों का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है?

A: फसल की पैदावार बढ़ाने के कई तरीके हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करके, फसलों को कई घातक रोग एवं कीटों के प्रकोप से बचा कर, सही समय पर सिंचाई एवं उर्वरकों का प्रयोग करके फसलों की उपज बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सही समय पर फसलों की बुवाई और कटाई के द्वारा भी हम फसलों की उपज को बढ़ा सकते हैं।

Q: जैविक उर्वरक कौन से होते हैं?

A: जैविक उर्वरक को पशुओं के मूत्र एवं गोबर के साथ घास, सूखी पत्तियों, फसलों के अवशेष, फलों के छिलके, आदि प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किया जाता है। यह सिंथेटिक रसायनों से मुक्त होने के साथ फसलों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। इसके साथ ही यह सूक्ष्मजीवों के विकास में सहायक है। जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

Q: जैविक उर्वरक कैसे काम करता है?

A: प्राकृतिक स्रोतों से बने होने के कारण जैविक उर्वरकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। फसलों में इसके प्रयोग से फसलों को पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति होती है। इसके साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक है।

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