परवल की खेती कैसे करें
सब्जियों में परवल का एक मुख्य स्थान है। परवल की खेती मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में की जाती है। इसके अलावा इसकी खेती असम , ओडिसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी की जाती है। यदि आप भी इसकी खेती करना चाहते हैं तो परवल की खेती की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
जलवायु एवं मिट्टी
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इसकी खेती के लिए गर्म और तर जलवायु उपयुक्त होती है।
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बारिश का मौसम इसकी खेती के लिए सर्वोत्तम है।
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अधिक ठंड में पौधों पर प्रतिकूल असर होता है।
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इसकी खेती के लिए जीवांशयुक्त बलुई दोमट सबसे अच्छी मानी जाती है।
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खेत में जल निकासी का विशेष ध्यान रखें।
पौधे तैयार करना
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परवल की खेती बीज की रोपाई, जड़ और कटिंग तीनों माध्यम से की जाती है।
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कटिंग के माध्यम से इसकी खेती सबसे प्रचलित है।
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बीज की रोपाई के बाद 80 से 85 प्रतिशत नर पौधे उगते हैं।
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इसलिए यदि आप बीज के माध्यम से पौधे तैयार कर रहे है तब भी मादा पौधों की कटिंग कर के रोपाई करें।
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कटिंग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कटिंग की लंबाई एक से डेढ़ मीटर हो जिसमे 8 से 10 गाठें होती हैं।
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मुख्य खेत में पौधों की रोपाई के लगभग 25 से 30 दिन पहले नर्सरी में बीज की रोपाई करें।
सिंचाई
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गर्मी के मौसम में 6 से 8 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
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ठंड के मौसम में 12 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
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बारिश के मौसम में आमतौर पर सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।
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