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प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग पर नियंत्रण का सटीक उपाय
प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग पर नियंत्रण का सटीक उपाय
प्याज की फसल को बैंगनी धब्बा रोग से भारी नुकसान होता है। इस रोग को पर्पल ब्लाच के नाम से भी जाना जाता है। यह एक फफूंद जनित रोग है। प्याज की खेती किए जाने वाले सभी क्षेत्रों में इस रोग का प्रकोप होता है। प्याज की फसल में होने वाले बैंगनी धब्बा रोग का लक्षण एवं इस पर नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
रोग का लक्षण
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सबसे पहले पौधों की पुरानी पत्तियों पर सफेद रंग के धंसे हुए धब्बे उभरने लगते हैं।
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यह छोटे एवं अनियमित आकार के धब्बे फूलों की डंठल पर भी देखे जा सकते हैं।
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कुछ समय बाद यह धब्बे भूरे या बैंगनी रंग में बदलने लगते हैं।
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रोग बढ़ने के साथ धब्बे किनारे से पीले रंग के हो जाते हैं और आकर में भी वृद्धि होती है।
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पत्ते मुरझाने लगते हैं और पौधे सूखने लगते हैं।
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रोग से प्रभावित होने पर भंडारित किए प्याज में भी गहरे पीले या लाल रंग के धब्बे नजर आते हैं।
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भंडारित किए प्याज सड़ने लगते हैं।
नियंत्रण के तरीके
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पौधों के बीच उचित दूरी रखें।
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खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण करें।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
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प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम डाइथेन एम 45 मिला कर छिड़काव करें।
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आवश्यकता होने पर 10-15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
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