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किसान डॉक्टर
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प्याज : थ्रिप्स का बढ़ रहा प्रकोप, करें इन दवाओं का प्रयोग

प्याज की फसल में थ्रिप्स का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वातावरण में नमी कम होने पर स कीट का प्रकोप अधिक होता है। कई क्षेत्रों में किसानों को थ्रिप्स पर नियंत्रण करने में बहुत कठिनाई हो रही है। अगर आप भी कर रहे हैं प्याज की खेती और बार-बार दवाओं का प्रयोग करने के बाद भी थ्रिप्स पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप थ्रिप्स पर नियंत्रण के सटीक उपाय जान सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

प्याज की फसल में थ्रिप्स से होने वाले नुकसान

  • यह कीट प्याज की पत्तियों का रस चूसते हैं।
  • जिससे पत्तियां मुड़ने लगती हैं।
  • धीरे-धीरे पत्तियां पीली होने लगती हैं।
  • थ्रिप्स का प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है।
  • समूह में होने के कारण यह कम समय में फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।

थ्रिप्स पर नियंत्रण के तरीके

  • प्रति एकड़ भूमि में 6 से 8 ब्लू स्टिकी ट्रैप लगाएं।
  • इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में 260 मिलीलीटर डाइमेथोएट 30% इसी का प्रयोग करें।
  • थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 50-80 मिलीलीटर थियामेथोक्सम 12.6 + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेड.सी. (देहात एन्टोकिल) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 4 ग्राम फिप्रोनिल 80 प्रतिशत का छिड़काव करें। यह दवा बाजार में जम्प के नाम से उपलब्ध है।
  • इसके अलावा आप प्रति एकड़ खेत में 120 मिलीलीटर लैम्डा-साइहैलोथ्रिन 05% इसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। यह दवा बाजार में ‘सिंजेंटा - कराटे’ नाम से उपलब्ध है।

थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।

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