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रबी फसलों की बुवाई में हुई 2.61 प्रतिशत की वृद्धि
रबी फसलों की बुवाई में हुई 2.61 प्रतिशत की वृद्धि
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दलहन और तिलहन की रोपाई अधिक हुई है। रबी फसलों की बुवाई के क्षेत्र में 2.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार केवल गेहूं की फसल क्षेत्र में 2.53 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 33.54 मिलियन हेक्टेयर हो गई है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस वर्ष दलहन क्षेत्र में 4.52 प्रतिशत और तिलहन क्षेत्र मुख्य रूप से सरसों में 5.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रबी फसलों की बुवाई के क्षेत्र में इजाफा होने से इस वर्ष आयात में कमी आने की संभावना है।
वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि रबी फसलों की रोपाई पर किसानों के आंदोलन का शायद ही कोई प्रभाव था। अधिकतर विरोध पंजाब में है, जहां इस वर्ष गेहूं की बुवाई लगभग 3.5 मिलियन हेक्टेयर से अधिक है। बुवाई से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा से बुवाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पूरे उत्तर भारत में मध्यम वर्षा और ठंड का मौसम फसलों के विकास के लिए लाभदायक साबित हुई है। इस अवधि के दौरान देश भर में 128 प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडारण पिछले 10 वर्षों के औसत से 20 प्रतिशत अधिक है। हालांकि बाजार में मूल्य समर्थन की कमी के कारण ज्वार, जौ एवं मक्का की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में 7.14 प्रतिशत कमी आई है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि कुछ दिनों पहले ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ईटी को बताया था कि इस रबी सीजन में खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष के 153.27 मिलियन टन के उत्पादन को पार कर जाएगा।
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सौजन्य से :
The Economic Times
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