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रेशम कीट पालन की ऐसे करें शुरुआत
विश्व में रेशम कीट पालन में भारत को दूसरा स्थान प्राप्त है। रेशम कीट पालन के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सरकार के द्वारा वित्तीय सहायता दी जाती है। रेशम कीट पालन के लिए किसान विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण भी ले सकते हैं। यह व्यवसाय कृषि से जुड़ा है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्ति भी इसे कम लागत में आसानी से शुरू कर सकते हैं। इसकी शुरुआत से पहले कुछ बातों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए रेशम कीट पालन व्यवसाय की शुरुआत पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
रेशम कीट पालन उद्योग की विभिन्न गतिविधियां
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इस उद्योग में कई गतिविधियां शामिल हैं। जिनमें कीट के आहार के लिए वृक्ष लगाना, कीट का पालन करना, रेशम की सफाई करना, सूत काटना, सूत से कपड़े का निर्माण करना, आदि शामिल हैं।
रेशम कीट पालन के लिए किन फसलों की करें खेती?
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रेशम कीट के आहार के लिए किसानों को कुछ फसलों की खेती करनी चाहिए। इन फसलों में शहतूत, पलाश, गूलर, आदि शामिल हैं।
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शहतूत के पौधों को खाने वाले रेशम कीट से बनी रेशम की मांग अधिक होती है।
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कैसे प्राप्त होता है रेशम?
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मादा कीट एक बार में 300 से 400 अंडे देती है।
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करीब 10 दिनों में अंडों से लार्वा निकलते हैं।
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लार्वा पत्तियों को खाता है और 4 से 10 दिनों के अंदर लार्वा अपने मुंह से प्रोटीन का स्राव करता है। हवा की संपर्क में आने पर यह प्रोटीन कठोर हो कर धागे की तरह हो जाता है।
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लार्वा कीट अपने शरीर के चारों तरफ रेशमी धागों से एक गोला बनाते हैं। इस गोले को ककून कहा जाता है।
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ककून के निर्माण के बाद कीट खुद को इसके अंदर बंद कर लेते हैं।
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रेशम प्राप्त करने के लिए ककून को गर्म पानी में डाल दिया जाता है।
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गर्म पानी में डालने के बाद कीट मर जाते हैं और बचे हुए ककून से हम रेशम का निर्माण कर सकते हैं।
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ककून के एक गोले से 500 से 1,300 मीटर लम्बा रेशम का धागा प्राप्त होता है।
वर्ष में कितनी बार प्राप्त कर सकते हैं रेशम?
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एक वर्ष में 4 से 6 बार रेशम प्राप्त किया जा सकता है।
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यदि आप 10 दिन के रेशम कीट खरीदते हैं तो आपको 20 दिनों तक रेशम कीट का पालन करना होता है।
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इसके बाद कीट खाना बंद कर देते हैं और रेशम का उत्पादन करना शुरू कर देते हैं।
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रेशम कीट पालन की अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें जिससे अन्य किसान मित्र भी इस व्यवसाय से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि ला सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशुपालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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