शिमला मिर्च की बुवाई का सही समय एवं जलवायु
शिमला मिर्च की सभी किस्में अन्य मिर्च जैसे हरी या लाल मिर्च की तुलना में कम तीखी होती है। तीखापन नहीं के बराबर होने के कारण इसका प्रयोग मुख्य रूप से सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। इसकी खेती में कम लागत में आप अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
जलवायु और भूमि का चयन
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शिमला मिर्च की खेती के लिए नर्म आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त है।
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पौधों के विकास के लिए 21 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए।
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ठंड अधिक होने पर पौधों में फूल कम लगते हैं और फलों का आकार भी छोटा और टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है।
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अधिक तापमान में भी फूल झड़ने लगते हैं। पैदावार पर इसका प्रतिकूल असर होता है।
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इसकी खेती के लिए चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
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बलुई दोमट मिट्टी में खेती करने पर अधिक खाद की आवश्यकता होती है।
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मिट्टी का पी.एच स्तर 6 से 6.5 होना बेहतर है।
बुवाई के लिए उपयुक्त समय
शिमला मिर्च की अच्छी उपज के लिए सही समय पर बीज की बुवाई करनी चाहिए। देर से बुवाई करने पर बीज को अंकुरित होने में अधिक समय लगता है। हमारे देश में मौसम से अनुसार शिमला मिर्च की खेती वर्ष में 3 बार की जा सकती है।
सितंबर - अक्टूबर में तुड़ाई के लिए
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नर्सरी में बीज को जून - जुलाई में लगाना चाहिए।
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मुख्य खेत में जुलाई - अगस्त में पौधों की रोपाई करें।
नवंबर - दिसंबर में तुड़ाई के लिए
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नर्सरी में बीज की बुवाई अगस्त से सितंबर में करें।
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मुख्य खेत में पौधों की रोपाई सितंबर - अक्टूबर में की जाती है।
फरवरी - मार्च में तुड़ाई के लिए
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नर्सरी में बीज की बुवाई के लिए नवंबर - दिसंबर महीने में करें।
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मुख्य खेत में पौधों की रोपाई दिसंबर से जनवरी महीने में करें।
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