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शकरकंद की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान, होगा भारी मुनाफा
शकरकंद की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान, होगा भारी मुनाफा
मीठे स्वाद के कारण शकरकंद बहुत पसंद किया जाता है। हमारे देश में करीब 2 लाख हैक्टेयर भूमि में इसकी खेती की जाती है। बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं ओडिशा में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसमें बीटा-केरोटीन के साथ ऐंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं। इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है। आइए शकरकंद की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
शकरकंद की खेती का सही तरीका
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शकरकंद की खेती बेलों की कटिंग के द्वारा की जाती हैं।
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प्रति एकड़ भूमि में खेती के लिए 25,000 से 30,000 कटी हुई बेलों की आवश्यकता होती है।
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सभी कटिंग में 4 से 5 गांठें होनी चाहिए।
उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
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इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।
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कठोर एवं पथरीली भूमि में इसकी खेती करने से बचें।
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इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली उपजाऊ भूमि का चयन करें। मिट्टी का पी.एच. स्तर 5.8 से 6.8 के बीच होना चाहिए।
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इसकी खेती के लिए उष्णकटिबंधीय एवं उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है।
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