मृदा स्वास्थ कार्ड योजना: जानें लाभ एवं आवेदन की प्रक्रिया | The Soil Health Card Scheme: Benefits and Application Process

किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के द्वारा कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इनमें से एक है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना। 'स्वस्थ धरा, खेत हरा' थीम के साथ इस योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को मृदा स्वास्थ कार्ड यानी सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान किया जाएगा। मृदा स्वास्थ कार्ड प्राप्त करने के लिए आपको हर 3 वर्ष के अंतराल पर एक बार अपनी भूमि की गुणवत्ता की जांच करनी होगी। जांच के बाद आपको रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। जिससे आपको अपने खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद मिलेगी।
क्या है मृदा स्वास्थ कार्ड योजना? | What is the Soil Health Card Scheme?
- मृदा स्वास्थ कार्ड योजना के तहत किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड यानी सॉइल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। इससे किसान अपने खेत की मिट्टी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। किसानों को उनकी मिट्टी के अनुसार खेती की जाने वाली फसलों की भी जानकारी दी जाएगी।
- इस योजना के तहत किसानों को प्रत्येक 3 साल में मृदा स्वास्थ कार्ड दिया जाएगा, जिससे वह अपने खेतों की गुणवत्ता जांच सकें।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए नियम एवं शर्तें | Terms & Conditions of the Scheme
- भारत के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- मिट्टी के नमूने एजेंसी द्वारा एकत्र किए जाएंगे और मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण किए जाएंगे।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सिफारिशों पर अमल करने के लिए किसान स्वयं जिम्मेदार होंगे।
- यह योजना स्वैच्छिक है। यानी किसान किसी भी समय 'ऑप्ट-आउट' करने का विकल्प चुन सकते हैं।
- भारत सरकार किसी भी समय इस योजना में परिवर्तन या संशोधन कर सकती है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड में प्रदान की गई सिफारिशों को लागू करने के परिणामस्वरूप किसान को होने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।
क्या हैं मृदा स्वास्थ कार्ड योजना के फायदे? | What are the benefits of the Soil Health Card Scheme?
- इस योजना के तहत मिट्टी की जांच की जाएगी।
- किसानों को उनकी मिट्टी के अनुसार खेती की जाने वाली फसलों की भी जानकारी दी जाएगी।
- इस योजना के तहत किसानों को प्रत्येक 3 वर्ष में मृदा स्वास्थ कार्ड प्रदान किया जाएगा, जिससे वे मिट्टी में मौजूद लवणीय, क्षारीय एवं अम्लीय तत्वों के साथ पोषक तत्वों, पी.एच. स्तर, नमी की मात्रा, आदि की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के आधार पर किसान विभिन्न फसलों का चयन कर सकते हैं।
- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होने की स्थिति में, किसान उन पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं।
- इससे किसानों को अपनी खेत की मिट्टी को स्वस्थ रखने और मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- रसायनों के अत्यधिक उपयोग में कमी आती है। जिससे कृषि में होने वाली लागत भी कम होने लगती है।
मिट्टी जांच की प्रक्रिया | Process of Soil Testing
- सबसे पहले खेत की मिट्टी का नमूना लिया जाता है।
- इसके बाद नमूने को परीक्षण के लिए मिट्टी जांच केंद्र भेजा जाता है।
- वहां विशेषज्ञों के द्वारा मिट्टी की जांच के बाद रिपोर्ट तैयार किया जाता है।
- इसके बाद किसानों के नाम के साथ इन रिपोर्ट्स को वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है।
- इसके साथ ही किसानों को रजिस्टरड मोबाइल नंबर पर भी रिपोर्ट की जानकारी दी जाती है।
- कुछ दिनों बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रिंट करके भी प्रदान किया जाता है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज | Documents Required for the Soil Health Card Scheme
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- हस्ताक्षर
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की चुनौतियां | Challenges of the Soil Health Card Scheme
- मिट्टी के परीक्षण के लिए मिट्टी परीक्षण संस्थाओं की कमी है।
- सॉइल हेल्थ कार्ड में फसल का इतिहास, जल संसाधन, आर्द्रता धारणा करने की क्षमता, मिट्टी का रंग और उसकी संरचना, माइक्रोबायल गतिविधि, जैसे कुछ महत्वपूर्ण संकेतकों को शामिल नहीं किया गया है।
- कई किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड को समझने में असमर्थ हैं। इसलिए वे सिफारिश की गई प्रैक्टिस का पालन नहीं कर पा रहे हैं।
मृदा स्वास्थ कार्ड योजना के लिए कैसे करें आवेदन? | How to Apply for the Soil Health Card Scheme?
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आप चाहें तो इस पोस्ट के नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर के भी आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
- आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर 'लॉगइन' के बटन पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। यहां मांगी जाने वाली जानकारियां भरें।
- इसके बाद एक नया पेज खुलेगा। यहां लॉगइन फॉर्म के नीचे 'रजिस्टर न्यू यूजर' के बटन पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा।
- सभी आवश्यक जानकारियों को भर कर 'सबमिट' के बटन पर क्लिक करें।
मिट्टी के परीक्षण के लिए आधिकारिक वेबसाइट: soilhealth.dac.gov.in
क्या आपने फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ उठाया है? अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा लिख कर भेजें। इसके अलावा आप हमारे टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क कर के देहात के कृषि विशेषज्ञों से निःशुल्क सलाह भी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए 'किसान योजना' चैनल को तुरंत फॉलो करें। साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently Asked Question (FAQs)
Q: मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत कब हुई थी?
A: केंद्र सरकार के द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत 19 फरवरी 2015 को की गई।
Q: मृदा स्वास्थ्य कार्ड का क्या लाभ है?
A: मृदा स्वास्थ्य कार्ड के कई लाभ हैं। इससे मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है। इसके आधार पर किसान मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी है उसकी पूर्ति कर सकते हैं। मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होने से फसलों की उपज पर अनुकूल असर होता है।
Q: मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
A: भारत में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का प्राथमिक लक्ष्य किसानों को उनकी खेत की मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करना और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए उचित उपायों की जानकारी देना है।
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