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सरसों की फसल में पहली सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन
सरसों की फसल में पहली सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन
सरसों की बेहतर पैदावार के लिए खेत की तैयारी एवं सही समय पर बुवाई के साथ सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन की जानकारी होना भी आवश्यक है। सरसों की फसल में पहली सिंचाई एवं पहली सिंचाई के समय सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर के हम उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
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सरसों की बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।
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बुवाई के बाद तुरंत सिंचाई करने से बीज के अंकुरण में आसानी होती है।
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जल की कमी वाले क्षेत्रों में या सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं होने पर बुवाई के करीब 25 से 30 दिनों बाद फसल में पहली सिंचाई करें।
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बुवाई के 25 से 30 दिनों बाद पौधों में शाखाएं निकलने लगती हैं। इस समय सिंचाई करने से शाखाओं की वृद्धि होती है और उनका विकास भी अच्छा होता है।
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उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए पहली सिंचाई के बाद टॉप ड्रेसिंग करना आवश्यक है।
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पहली सिंचाई यानी बुवाई के 25 से 30 दिनों बाद प्रति एकड़ भूमि में 25 किलोग्राम नाइट्रोजन का बुरकाव करें।
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इसके साथ ही जिंक की कमी के लक्षण नजर आने पर 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट एवं 0.25 प्रति बुझे हुए चूने का घोल बना कर छिड़काव करें।
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