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सरसों
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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सरसों की पत्तियों पर पड़ रहे सफेद जंग के धब्बों से कैसे बचाएं फसल

सफेद जंग या रतुआ रोग पत्तेदार फसलों जैसे कि सरसों, गेंदा, गोभी वर्गीय फसल इत्यादि में लगने वाला एक जाना माना रोग है। रोग का फैलाव ओमीसीटस फफूंद द्वारा फसलों में देखा जाता है और फसल में कम क्षति होने के कारण सामान्य रोगों में गिना जाता है। रोग के जीवाणु 15 डिग्री से कम तापमान पर फसल में बनने शुरू होते हैं इसके साथ ही फसल में अधिक पाले एवं कोहरे का कारण बनी रहने वाली निरंतर नमी भी फसल में रोग को बढ़ाने का एक कारण हैं। रोग के जीवाणु कम से कम तीन सालों तक मिट्टी में जीवित रह सकते हैं।

रोग की पहचान

रोग की प्रारंभिक पहचान पत्तियों की निचली तरफ पड़ रहे सफेद धब्बों से की जा सकती है। यह धब्बे समय के साथ बड़े होते जाते हैं और अंत में फफोलों में बदलकर फट जाते हैं। गंभीर संक्रमण में रोग का प्रभाव फूलों तक भी फैल जाता है और फूल समय से पहले झड़ने और फल विकृत होने लगते हैं। इसके अलावा पत्तियों का आकार छोटा होना, पौधों का विकास रुक जाना जैसे लक्षण भी सरसों की फसल में रतुआ रोग के संक्रमण की ओर इशारा करते हैं।

नियंत्रण के उपाय

सफेद जंग के प्रबंधन में कोई एक विधि प्रभावी नहीं है। इसलिए रासायनिक, जैविक प्रतिरोध जैसे एक से अधिक नियंत्रण उपायों को अपनाने का सुझाव दिया जाता है।

  • पौधों को इस इस रोग से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं।

  • रोग रहित स्वस्थ बीजों का चयन करें।

  • बीज की बुवाई सही समय पर करें।

  • खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण रखें।

  • इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिलाकर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 0.5 से 1 मिलीलीटर अमीस्टार नामक दवा मिला कर छिड़काव करें। प्रति एकड़ भूमि में 350 से 400 मिलीलीटर दवा की आवश्यकता होती है।

  • इस रोग से बचने के लिए 0.25 प्रतिशत रिडोमिल का छिड़काव करें।

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सरसों की फसल में समय-समय पर लगने वाले कीट एवं रोग का प्रबंधन फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में जरूरी है कि आप फसल में आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए टॉल फ्री नंबर 1800 1036 110 के माध्यम से देहात के कृषि विशेषज्ञों से जुड़कर उचित सलाह लें और समय पर अपनी फसल का बचाव करें। आप अपने नज़दीकी देहात केंद्र से जुड़कर और हाईपरलोकल सुविधा से उर्वरक एवं कीटनाशक खरीद जैसी सुविधा का फायदा भी उठा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें देहात से।


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