सरसों : उर्वरक प्रबंधन

हमारे देश में सरसों की खेती करीब 66.34 लाख हेक्टेयर जमीन में की जाती है। रेतीली मिट्टी से लेकर भारी मटियार मिट्टी में खेती की जाने वाली सरसों की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए सही समय पर उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना बेहद आवश्यक है। उचित मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग से इसके दानों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। अगर आप सरसों की खेती करते हैं तो यहां से आप उर्वरक प्रबंधन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बुवाई से पहले
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बुवाई से पहले खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 4 से 5 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
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बेहतर पैदावार के लिए गोबर की खाद की जगह कम्पोस्ट खाद का भी प्रयोग किया जा सकता है।
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सरसों की फसल को प्रति एकड़ खेत के अनुसार 50 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस और 24 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।
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खेत की आखिरी जुताई के समय खेत में 25 किलोग्राम नाइट्रोजन के साथ 24 किलोग्राम फास्फोरस और 24 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
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इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 16 किलोग्राम गंधक (सल्फर) भी मिलाएं।
बुवाई के बाद
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खड़ी फसल में यानि बुवाई के करीब 25 से 30 दिनों बाद 25 किलोग्राम नाइट्रोजन का बुरकाव करें।
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खड़ी फसल में पहली सिंचाई के बाद टॉपड्रेसिंग में नाइट्रोजन का बुरकाव करें।
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सरसों की फसल में सिंचाई प्रबंधन की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई मात्रा के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग कर के आप उच्च गुणवत्ता की सरसों की फसल प्राप्त करेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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