तारबंदी योजना: आवारा एवं जंगली पशुओं से फसलों की सुरक्षा

अक्सर किसानों की शिकायत होती है कि आवारा पशु, नीलगाय एवं अन्य जंगली जानवर उनकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार ने तारबंदी योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत किसान कांटेदार एवं चैनललिंक तारबंदी के लिए अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।
तारबंदी योजना के क्या लाभ हैं?
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इस योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को तारबंदी की लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48,000 रुपए दिए जाएंगे।
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इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के द्वारा 10 प्रतिशत या 8,000 रुपए भी दिए जाएंगे।
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अन्य किसानों को तारबंदी की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 रुपए देने होंगे।
तारबंदी योजना के लिए कैसे करें आवेदन?
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आप अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जा कर आवेदन कर सकते हैं।
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इसके अलावा आप 'राज किसान साथी' पोर्टल के द्वारा भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
तारबंदी योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
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आधार कार्ड
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जमाबंदी की फोटो कॉपी (6 महीने से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए)
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बैंक पासबुक की फोटो कॉपी
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जाति प्रमाण पत्र
तारबंदी योजना के लिए नियम एवं शर्तें?
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इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपके पास कम से कम 1.2 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए।
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यदि आपके पास 1.2 हेक्टेयर से कम भूमि है तो आप समूह में आवेदन कर सकते हैं। समूह में कम से कम 2 किसानों का होना आवश्यक है जिनके पास 1.2 हेक्टेयर भूमि होना अनिवार्य है।
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इस योजना के लिए जिलों को आवंटित कुल लक्ष्य का 30 प्रतिशत अनुदान लघु एवं सीमांत किसानों को दिया जाएगा।
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किसानों का चयन पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर किया जाएगा।
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किसी जिले में लक्ष्य से 1.5 गुना अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में लॉटरी के द्वारा किसानों का चयन किया जाएगा।
क्या आप भी आवारा एवं जंगली पशुओं हैं परेशान? अपनी फसल को पशुओं से बचाने के लिए आपने कौन से कदम उठाए हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के द्वारा बताएं। इसके अलावा आप हमारे टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क कर के देहात के कृषि विशेषज्ञों से निःशुल्क सलाह भी प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह की अन्य योजनाओं की जानकारी के लिए जुड़े रहें देहात से। साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।
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