तम्बाकू : आर्द्रगलन रोग से सुरक्षा

आर्द्रगलन रोग यानी डैम्पिंग ऑफ के कारण तम्बाकू की फसल को बहुत क्षति पहुंचती है। यह रोग तम्बाकू के छोटे पौधों को ज्यादा प्रभावित करता है। तम्बाकू के अलावा इस रोग से मटर, टमाटर, मिर्च, गोभी, पपीता, आदि कई अन्य फसलें भी प्रभावित होती हैं। यह एक मृदा जनित रोग है। इस रोग के लक्षण एवं बचाव के उपाय जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
रोग का लक्षण
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रोग से प्रभावित पौधों के तने जमीन के पास से काले हो कर सड़ने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर प्रभावित पौधे गिरने लगते हैं।
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इससे पैदावार में भारी कमी आती है।
नियंत्रण के तरीके
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नर्सरी को जमीन की सतह से 4 से 6 इंच की ऊंचाई पर तैयार करें।
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नर्सरी की मिट्टी में 3 से 4 ग्राम कैप्टान प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलाएं।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम थीरम या कैप्टान से उपचारित करें।
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छोटे पौधों में रोग के लक्षण दिखने पर प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड मिला कर छिड़काव करें।
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आवश्यकता होने पर 7-8 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है यह पोस्ट तम्बाकू की फसल में आर्द्रगलन रोग पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होगी। अगर आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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