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टमाटर के फलों के फटने का कारण एवं नियंत्रण के सटीक उपाय
टमाटर के फलों के फटने का कारण एवं नियंत्रण के सटीक उपाय
टमाटर की खेती में फलों के फटने की समस्या बढ़ती जा रही है। फलों के पकने के समय यह समस्या अधिक होती है। फलों के फटने का कारण एवं इस पर नियंत्रण की उचित जानकारी नहीं होने के कारण इस समस्या से निजात पाना किसानों के लिए कठिन होता जा रहा है। फटे हुए फलों की बाजार में बिक्री भी नहीं होती है। जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम टमाटर के फलों के फटने का कारण एवं इस पर नियंत्रण की जानकारी विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
टमाटर के फलों के फटने का कारण
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सही समय पर सिंचाई नहीं करने से फल फटने लगते हैं।
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बोरान की कमी होने पर भी फलों के फटने की समस्या शुरू हो जाती है।
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तापमान में बदलाव के कारण भी टमाटर के फल फटने लगते हैं।
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पौधों में फूल निकलने के समय अत्यधिक मात्रा में नाइट्रोजन का प्रयोग।
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पोटाश की कमी से भी यह समस्या होती है।
टमाटर के फलों को फटने से बचाने के तरीके
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मिट्टी में नमी की कमी न होने दें। एक निश्चित अंतराल पर सिंचाई करें।
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बोरान की कमी की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 किलोग्राम देहात नियोबोर का प्रयोग करें।
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पौधों में फूल आने के बाद यूरिया का प्रयोग कम करें। यूरिया की जगह पानी में घुलनशील एनपीके 19:19:19 उर्वरक का प्रयोग करें।
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पौधों की रोपाई से पहले मुख्य खेत में पोटाश मिलाएं। इससे पौधों में पोटाश की कमी पूरी होगी।
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प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम बोरान 20 प्रतिशत के साथ स्टीकर मिला कर प्रयोग करें।
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