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19 Dec
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टमाटर की कुछ प्रमुख किस्में | Varieties of Tomatoes

भारत के लगभग सभी राज्यों में टमाटर की खेती की जाती है। हालांकि, भारत में प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल है। टमाटर भारत में सबसे व्यापक रूप से खपत की जाने वाली सब्जियों में से एक है, जिसका अर्थ है कि बाजार में उनकी उच्च मांग है। इससे किसानों को आय का अच्छा स्रोत मिल सकता है। यह एक छोटी अवधि की फसल है, इसकी खेती करके किसान अपनी आय बढ़ाते हुए अपनी आजीविका में सुधार कर सकते हैं। इसकी खेती से अच्छा मुनाफा प्राप्त करने के लिए टमाटर की बेस्ट वैरायटी की जानकारी होना आवश्यक है। ऐसे में इस पोस्ट के द्वारा आप टमाटर की उन्नत किस्में एवं इन किस्मों की विशेषताओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

टमाटर की उन्नत किस्में एवं विशेषताएं | Varieties and Features of Tomatoes

  • सिंजेंटा हिमसोना: इस किस्म के पौधे मजबूत होते हैं और पौधों में शाखाओं की संख्या भी अधिक होती है। इस किस्म की फल उत्पादन क्षमता अच्छी होती है। भंडारण क्षमता अधिक होने के कारण लंबी दूरी के परिवहन के लिए यह एक बेहतर किस्म है। इस किस्म के पौधों की रोपाई के करीब 65-75 दिनों बाद फलों की पहली तुड़ाई की जा सकती है। फल मध्यम आकर के, चपटा गोल, लाल रंग के एवं चमकदार होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 90-100 ग्राम होता है। प्रति एकड़ खेत में इस किस्म को लगाने के लिए 60 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • आइरिस सारंग F1: इस किस्म के फल जल्दी परिपक्व हो जाते हैं। फलों का आकार अंडाकार होता है और फल गहरे लाल रंग के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 90-100 ग्राम होता है। पौधों की रोपाई के करीब 60-62 दिनों बाद फल पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। प्रति एकड़ खेत में इस किस्म को लगाने के लिए 60 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस एवं जीवाणु झुलसा रोग के प्रति सहनशील होते हैं।
  • शाइन- F1 जंबो: यह टमाटर की एक हाइब्रिड किस्म है। इस किस्म के पौधे अधिक तापमान एवं कुछ रोगों के प्रति शहनशील होते हैं। इस किस्म के फल गहरे लाल रंग के और चपटे और गोल आकार के होते हैं। प्रत्येक फल का औसत वजन 80-90 ग्राम होता है। मुख्य खेत में पौधों की रोपाई के करीब 55-60 दिनों बाद फलों की पहली तुड़ाई की जा सकती है। प्रति एकड़ खेत में इस किस्म को लगाने के लिए 50-60 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • सेमिनिस अभिलाष: वर्षा के मौसम में इस किस्म की उपज क्षमता सबसे अच्छी होती है। मजबूत पौधे वाले इस किस्म की खेती के लिए प्रति एकड़ की दर से 60 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। पौधों की रोपाई के 65-70 दिनों बाद फल पहली तुड़ाई के लिए परिपक्व हो जाते हैं। इस किस्म के फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है और फल आकर्षक एवं गहरे लाल रंग के होते हैं।
  • सिंजेंटा TO-3150: इस किस्म की खेती खरीफ, रबी और गर्मी सभी मौसम में की जा सकती है। इस किस्म के पौधे बड़े एवं जल्दी फल देने वाले होते हैं। इस किस्म के टमाटर के फलों का आकार एक समान होता है। फल आकार में बड़े चपटे और गोल एवं गहरे लाल रंग के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन करीब 70-90 ग्राम होता है। भंडारण क्षमता अच्छी होने के कारण लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त किस्म है।

इन किस्मों के अलावा आप टमाटर की सेमिनिस- अंसल, नामधारी- NS 4266, हाइब्रिड, नामधारी- NS 962, ऊर्जा- S-22, वीएनआर- 3171, सिंजेन्टा- साहो (TO-3251), सिंजेंटा- टीओ-1057 एफ1 हाइब्रिड, शाइन- टमाटर ओरियन एफ1 हाइब्रिड, आदि किस्मों की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

आप किस किस्म की टमाटर की खेती खेती करते हैं और इससे आपको कितना मुनाफा प्राप्त होता है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए ‘कृषि ज्ञान’ चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें। जिससे अन्य किसान मित्र भी टमाटर की इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: टमाटर की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

A: भारत में कई किस्मों की टमाटर की खेती की जाती है। सभी किस्मों की अपनी अनूठी विशेषताएं और उपयोग हैं। कुछ किस्मों को ताजे फलों के सेवन के लिए बेहतर माना गया है। वहीं कुछ किस्मों की खेती केचप या अन्य डिब्बाबंद उत्पादों के लिए की जाती है। टमाटर की सबसे अच्छी किस्म इसके उपयोग पर निर्भर करती है।

Q: टमाटर का पौधा कितने दिन में फल देता है?

A: टमाटर के पौधे आमतौर पर रोपाई के लगभग 60-80 दिनों के बाद फल देना शुरू कर देते हैं। पौधों में फल आने की अवधि किस्म, मौसम एवं जलवायु पर भी निर्भर करती है। पौधों के स्वस्थ विकास और फल उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए पौधे को पर्याप्त पानी, धूप और पोषक तत्वों सहित उचित देखभाल प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

Q: टमाटर की खेती कौन से महीने में करनी चाहिए?

A: क्षेत्र और जलवायु के आधार पर भारत में टमाटर की खेती पूरे वर्ष की जा सकती है। सामान्य तौर पर, टमाटर की खेती ठंड के मौसम के दौरान यानी अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच की जाती है। उत्तरी भारत में और दक्षिणी भारत में नवंबर से मार्च महीने तक इसकी खेती की जाती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में, टमाटर को गर्मियों के मौसम के दौरान यानी मार्च से जून महीने के बीच उचित सिंचाई और छांव का प्रबंध करते हुए सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।

Q: एक पौधा कितने टमाटर पैदा करता है?

A: पौधों में टमाटर के फलों की संख्या विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। जिसमें टमाटर की किस्में, जलवायु, पौधों की देखभाल, आदि शामिल है। औसतन, भारत में टमाटर का एक पौधा एक मौसम में लगभग 3 से 5 किलोग्राम टमाटर का उत्पादन कर सकता है। यह मात्रा किस्मों के अनुसार कम या अधिक भी हो सकती है।

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