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4 Aug
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धनिया में खरपतवार प्रबंधन (Weed Management in Coriander)


धनिया की खेती में खरपतवार प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। फसल-खरपतवार प्रतिस्पर्धा की क्रांतिक अवधि 35-40 दिन होती है। इस अवधि में अगर खरपतवारों की निंदाई नहीं की जाती है, तो धनिया की उपज में 40-45 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। ऐसे में समय रहते खरपतवारों पर नियंत्रण करना आवश्यक है।

कैसे करें धनिया में खरपतवार नियंत्रण? (How to manage weeds in Coriander?)

धनिया की फसल में खरपतवारों से होने वाले नुकसान

  • धनिया की फसल में खरपतवारों के कारण बीज के अंकुरण में कठिनाई होती है। खरपतवारों की समस्या बढ़ने पर कई बार बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं।
  • खरपतवार मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं।
  • धनिया की फसल में खरपतवारों के प्रकोप से फसल की बढ़वार धीमी हो जाती है।
  • धनिया की फसल में खरपतवारों से होने वाले नुकसान के कारण इसकी पैदावार में 40 प्रतिशत तक कमी हो सकती है।
  • खरपतवार कई तरह के रोगों एवं कीटों के पनपने का कारण बनते हैं।
  • खरपतवार नाशक का उपयोग करने पर कृषि में होने वाली लागत में बढ़ोतरी होती है। इसके साथ कीट एवं रोगों पर नियंत्रण के लिए भी विभिन्न दवाओं के प्रयोग से लागत बढ़ती है।
  • उपज एवं गुणवत्ता में कमी किसानों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है।
  • खरपतवार भूमि में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व एवं नमी का बड़ा हिस्सा अवशोषित कर लेती हैं, जिससे पौधों को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
  • खरपतवार आवश्यक प्रकाश एवं स्थान से फसल को वंचित कर देते हैं, जिससे पौधों के विकास में बाधा आती है।
  • खेत में विभिन्न घास के पनपने के कारण कई तरह के रोगों और कीटों के होने का खतरा बना रहता है।

धनिया की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के विभिन्न तरीके

  • विभिन्न फसलों को बदल-बदल कर उगाने से खरपतवारों के दबाव को कम किया जा सकता है।
  • धनिया के साथ अन्य फसलों को मिलाकर उगाने से खरपतवार नियंत्रण में मदद मिलती है।
  • सही समय पर रोपण करने से धनिया के पौधे खरपतवारों से पहले ही बढ़ जाते हैं, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा कम हो जाती है।
  • उपरोक्त विधियों में से दो या अधिक के संयोजन का उपयोग करके अधिक प्रभावी खरपतवार नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है। इस दृष्टिकोण को एकीकृत खरपतवार प्रबंधन कहा जाता है।
  • खेत में पहले से मौजूद खरपतवारों को नष्ट करने के लिए 1-2 बार गहरी जुताई करना। इससे घास की जड़ें ऊपर आकर तेज धूप में नष्ट हो जाती हैं।
  • खेत में समय-समय पर हाथ से खरपतवारों को निकालना। पहली बुवाई के 20-25 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करें। दूसरी निराई-गुड़ाई बुवाई के 40-45 दिनों के बाद करें और खरपतवार को नष्ट करें।
  • धनिया की फसल में खरपतवारों का संक्रमण ज्यादा होने पर पेडिमिथलीन (स्टाम्प 30 ई.सी.) का छिड़काव 3000 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से करने से इनका प्रकोप कम हो जाता है।
  • स्टाम्प एक्स्ट्रा 38.7 सी.एस. का उपयोग भी प्रभावी हो सकता है।
  • टरगासुपर 5 ई.सी. (क्विजोलोफॉप इथाईल) दवा को बुवाई के 15-20 दिन बाद 300-400 मिलीलीटर प्रति एकड़ प्रयोग करें।

खरपतवार नाशक दवाओं के छिड़काव के समय रखें इन बातों का ध्यान (Things to keep in mind while applying weedicides)

  • एक ही खरपतवारनाशी का बार-बार प्रयोग न करें। बार-बार एक ही दवा इस्तेमाल करने से खरपतवार इसके प्रति सहनशील/प्रतिरोधी हो सकते हैं।
  • एक फसल में केवल एक बार रासायनिक खरपतवार नाशक का प्रयोग करना चाहिए।
  • खरपतवार नाशक दवाओं के पैकेट पर दिए गए निर्देशों को पढ़ें और उनका पालन करें।
  • खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग करते समय, मिट्टी में नमी की कमी नहीं होनी चाहिए, जिससे दवा सही तरीके से फसल तक पहुंच सके।
  • खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव करते समय मात्रा का विशेष ध्यान रखें, इससे फसलों को किसी भी तरह के बुरे प्रभावों से बचा सकते हैं।
  • खरपतवार नाशक दवाओं में कई तरह के हानिकारक रसायन मौजूद होते हैं। इसलिए छिड़काव के समय आंख, नाक, मुंह, कान, आदि को अच्छी तरह ढकें।

आप धनिया की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए क्या जुगाड़ करते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'खरपतवार जुगाड़' चैनल को अभी फॉलो करें। अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: धनिया की खेती कौन से महीने में होती है?

A: धनिया की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय जून-जुलाई और अक्टूबर-नवंबर होता है। जून-जुलाई में बोई गई फसल को रबी मौसम में अच्छी वृद्धि मिलती है, जबकि अक्टूबर-नवंबर में बोई गई फसल को सर्दियों में ठंडे मौसम का लाभ मिलता है। दोनों समय मौसम की परिस्थितियों के अनुसार फसल का उत्पादन बेहतर होता है।

Q: एक एकड़ में कितना धनिया निकलता है?

A: एक एकड़ भूमि में धनिया का उत्पादन लगभग 10 क्विंटल होता है। यह उत्पादन भूमि की उर्वरा शक्ति, सिंचाई, मौसम की स्थिति, और फसल की देखभाल पर निर्भर करता है। उन्नत कृषि प्रबंधन और तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है, जैसे कि सही मात्रा में उर्वरक का उपयोग और उचित सिंचाई की व्यवस्था।

Q: धनिया में कितने दिन में पानी देना चाहिए?

A: धनिया की सिंचाई का अंतराल भूमि की प्रकार और मौसम की स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्यतः, 8-10 दिनों के अंतराल में सिंचाई की जाती है। गर्मी के मौसम में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है क्योंकि मिट्टी जल्दी सूख जाती है, जबकि ठंडे मौसम में सिंचाई की मात्रा कम की जा सकती है। मिट्टी की नमी की स्थिति को देखते हुए सिंचाई करनी चाहिए ताकि जलभराव से बचा जा सके।

Q: हरी धनिया कितने दिन में तैयार होती है?

A: हरी धनिया आमतौर पर 30-40 दिनों में तैयार हो जाती है। पौधे की अच्छी देखभाल, नियमित सिंचाई और समय पर कटाई से धनिया की गुणवत्ता और बाजार मूल्य में सुधार होता है। कटाई के समय का सही चुनाव फसल की ताजगी और सुगंध बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

Q: धनिया के बीज बोने से पहले कितने समय तक भिगोते हैं?

A: धनिया के बीजों को बोने से पहले 24 घंटे पानी में भिगोना चाहिए। यह प्रक्रिया बीजों के अंकुरण को तेज करती है और अंकुरण दर को समान बनाती है। बीजों को भिगोने के बाद छाया में सुखाकर बोना चाहिए, जिससे बीजों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पौधों का विकास बेहतर होता है।

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