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नींबू : लीफ माइनर कीट की रोकथाम
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नींबू की फसल को बुरी तरह प्रभावित करने वाले कीटों में से एक है लीफ माइनर कीट। वर्षा के मौसम में इस कीट का प्रकोप अधिक होता है। आकार में छोटे यह कीट बहुत तेजी से पत्तियों को खा कर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। मादा कीट एक बार में 160 तक अंडे दे सकती है। करीब 2 से 3 दिनों के अंदर अंडों से इल्लियां बाहर निकलती हैं। इस कीट के प्रकोप का लक्षण एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।
प्रकोप का लक्षण
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यह कीट पौधों की कोमल पत्तियों पर पहले आक्रमण करते हैं।
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यह पत्तियों के हरे पदार्थ को खुरच कर खाते हैं। जिससे पत्तियों पर टेढ़े-मेढ़े सुरंग नजर आने लगते हैं।
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पत्तियां कमजोर हो जाती हैं और कुछ समय बाद गिरने लगती हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पौधों का विकास रुक जाता है।
नियंत्रण के तरीके
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प्रभावित पत्तियों को पौधों से अलग कर के नष्ट करें।
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इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें।
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यदि आवश्यकता हो तो 15 दिनों बाद दुबारा छिड़काव करें।
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इसके अलावा फोरेट 10 प्रतिशत सीजी का छिड़काव भी इस कीट पर नियंत्रण के लिए कारगर है।
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इस पोस्ट में बताए गए उपायों पर अमल कर के आप आसानी से लीफ माइनर कीट पर नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। नींबू की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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