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8 Apr
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बादाम की खेती: उपयुक्त समय, जलवायु एवं पौधों की रोपाई | Almond cultivation: Suitable time, climate and planting

भारत में बादाम की खेती कई राज्य में होती है- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, इनके अलावा राजस्थान, बिहार, उतर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी बादाम की खेती किसान करते है। बादाम की खेती पहाड़ी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी किसान बड़ी सफलता पूर्वक करके अधिक कमाई कर सकते हैं। बादाम की डिमांड बाजार में हमेशा रहती है।

इसके पेड़ बहुत उचाई वाले नहीं होते और इसके फूल सफ़ेद और गुलाबी रंग के खुशबुदार होते हैं। इसके फल कई तरह के मिठाई में या ड्राई फ्रूट के रूप में उपयोग होता है एवं सीधा भी खाया जाता है बादाम के फल से तेल भी निकाला जाता है। इस तेल का इस्तेमाल मालिश और कई आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है। बादाम के फल का सेवन कर के कई प्रकार की बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।

कैसे करें बादाम की खेती? | How to cultivate almonds?

बादाम के पौधे लगाने के लिए खेत को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए। इसके बाद 3 से 4 बार कल्टीवेटर या देशी हल से जुताई करके पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए।

बादाम की खेती के लिए उपयुक्त मृदा:

बादाम की खेती जीस ज़मीन पर करे उस जमीं का पी.एच. मान 5 से लेकर 8 के बिचका होना सब से अच्छा माना जाता है। बादाम की खेती में खेत तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई करे बाद में पाटा चलाके जमीन को समतल करले ताकि बाद में जब सिंचाई करे तब आसानी से जलनिकासी हो जाए और जल भराव की समस्या टलजाए।

बादाम की खेती के लिए उपयुक्त तापमान एवं जलवायु:

बादाम की खेती में ठंडे और माध्यम जलवायु की जरूरत होती है। बादाम के पौधे आद्र उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छे से विकास करते है पर जब शर्दी का मौसम आता है तब पड़ने वाला पाला बादाम के फल को नुकशान पंहुचा शकता है बादाम की खेती में तापमान 21°C से 28°C तक का तापमान अच्छा माना जाता है। पर इन के पौधे पर किलने वाले फूल 5°C तक के तापमान बड़ी आसानी से सहन कर लेते है।

बादाम की उन्नत किस्मे:

बादाम की उन्नतशील किस्मे जैसे की कैलिफोर्निया, थिनरोल्ड, मामरा, जेंको, ड्रेक, नीप्लस अल्ट्रा, नॉन पेरिल, फेसिओनेलो, पियरलेस, सामान्य, टेक्सास आदि है और इन किस्मे की नर्सरी में से या पौधे तैयार कर के मुख्य खेती में लगाने से किसान बंपर उपज ले शकते है और अच्छा मुनाफा भी कर शकते है।

खाद प्रबंधन:

बादाम एक भारी आहार है और इसके लिए उचित उर्वरक की आवश्यकता होती है। अधिकतम उत्पादन के लिए मिट्टी और पत्तियों का परिक्षण कराना चाहिए।

  • 1 साल के पेड़ के लिए - 15 kg FYM, यूरिया - 55g, DAP - 20g और MoP - 65g
  • 2 साल के पेड़ के लिए - 15kg FYM, यूरिया - 115g, DAP - 45g, और MoP - 130g
  • 3 साल के पेड़ के लिए - 20kg FYM, यूरिया - 170g, DAP - 65g, MoP - 200g
  • 4 साल के पेड़ के लिए - 20kg FYM, यूरिया - 225g, DAP - 85g, MoP - 265g
  • 5 साल के पेड़ के लिए - 25kg FYM, यूरिया - 285g, DAP - 110g, MoP - 330g
  • 6 साल के पेड़ के लिए - 25kg FYM, यूरिया - 395g, DAP - 150g, MoP - 585g
  • 7 साल के पेड़ के लिए - 30kg FYM, यूरिया - 510g, DAP - 195g, MoP - 750g
  • 8 साल के पेड़ के लिए - 40kg FYM, यूरिया - 620g, DAP- 235g, MoP - 915g
  • 9 साल के पेड़ के लिए - 50kg FYM, यूरिया - 735g, DAP - 280g, MoP - 1085g
  • 10वें साल और उससे ऊपर - 60 kg FYM, यूरिया - 850g, DAP - 325g, MoP- 1250g

ध्यान दें:

  • दिसंबर में DAP और MoP की पूरी खुराक के साथ FYM का प्रयोग करें। यूरिया को 2-3 खुराकों में विभाजित किया जा सकता है।
  • पहली खुराक फूल आने से 15 दिन पहले, दूसरी खुराक फल लगने के 3 सप्ताह बाद और तीसरी खुराक जून/जुलाई में लागू की जानी चाहिए।

सिंचाई प्रबंधन:

बादाम की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है पर गर्मी के मौसम में सप्ताह में 2 बार सिंचाई जरूर करे ताकि जमीन की नमी बनी रहे। और शर्दी के मौसम में 7 दिन के अंतर में 1 बार जरूर करे। बादाम के पौधे जब बड़े हो जाते है तब एक साल में 6 से 9 बार करनी होगी।

बादाम की तुड़ाई कब और कैसे करे?

बादाम के फल की तुड़ाई ऋतुराज (पतझड़) मौसम में करते है। बादाम के पौधे मुख्य खेत में रोपाई के बाद 5 से 7 साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं। बादाम के पौधे पर फूल खिलने के बाद 8 महीने बाद पूरी तरह से पक कर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है। बादाम के फल की ऊपरी परत जब हरे रंग से पिले रंग के हो जाए तब इन की तुड़ाई कर लेनी चाहिए।

नोट:

  • अगर आप ने सही समय पर बादाम के फल की तुड़ाई नहीं की तो बादाम के फल अपने आप पौधे से गीर जाएंगे इस लिए बादाम के फल को सही समय पर तुड़ाई कर के इन फलो को छाव में रख देना चाहिए। छाव में जब बादाम के फल पूरी तरह से सुख जाते है तब गुठली को तोड़ के बादाम के फल निकाल लिया जाता है और बाजार में बेचने के लिए भेज सकते हैं।
  • बादाम की खेती कर के किसान अच्छी कमाई कर सकते है क्योंकी बादाम को बच्चे से लेकर बुजर्ग तक खाया जाता है और बादाम का इस्तेमॉल भी बहुत अधिक मात्रा में होता है जैसे की कई प्रकार के मिठाई में ड्राई फ्रूट में और खास बात तो यही है की इस का इस्तेमाल हम शर्दी के मौसम में बहुत करते है ताकि हमारे शरीर को अधिक ताकत भी मिलती है।

बादाम की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ' कृषि ज्ञान ' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: बादाम की खेती कब होती है?

A: बादाम पेड़ रोपाई के तीसरे साल से फल देना शुरू कर देता है, लेकिन 6 से 7 साल बाद पौधा अच्छे फल देने लगता है, फूल आने के 7 से 8 महीने बाद, पतझड़ के समय बादाम तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है।

Q: भारत में बादाम के पेड़ कहाँ उगते हैं?

A: इसके बाग मुख्यरूप से कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे सर्द इलाकों में पाये जाते हैं. लेकिन अब उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में इसकी शौकिया खेती हो रही है. बादाम की खेत फलों के बाग की तरह ही तैयार किये जाते हैं।

Q: बादाम का पेड़ कितने साल में फल देता है?

A: बादाम के पौधे 3 से 4 साल में फल देना शुरू कर देते हैं. हालांकि, अच्छी उपज हासिल करने के लिए तकरीबन 6 साल का वक्त लग जाता है. फिर हर 7 से 8 महीने मे फूल आने पर इसकी तुड़ाई की जाती है. यह पेड़ तकरीबन 50 साल तक लगातार फल देता रहता है।

Q: भारत में बादाम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?

A: देश के कुल बादाम उत्पादन में जम्मू-कश्मीर की हिस्सेदारी 91.26% है।

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