गर्मी में बाजरा की खेती (Millet Farming in Summer)

बाजरा एक महत्वपूर्ण मोटा अनाज है, जो शुष्क और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगता है। यह भारतीय किसानों के लिए एक आदर्श फसल है क्योंकि यह कम पानी में भी बेहतर उत्पादन देता है। गर्मी में बाजरा की खेती के लिए सही तरीका और उचित ध्यान देने की आवश्यकता होती है, ताकि अधिकतम पैदावार प्राप्त की जा सके। इस लेख में हम गर्मी के मौसम में बाजरा की खेती के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जैसे मिट्टी, जलवायु, बीज दर, बुवाई की विधि, किस्में, उर्वरक प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, सिंचाई, कीट नियंत्रण, और पैदावार।
गर्मियों में बाजरे की खेती कैसे करें? (How to cultivate millet in summer?)
- मिट्टी (Soil): बाजरा के लिए रेतीली दोमट, लाल, काली और लेटराइट मिट्टी उपयुक्त होती है। यह फसल सूखी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह उगती है। जलजमाव से बाजरा की फसल को नुकसान हो सकता है, इसलिए जल निकासी की सही व्यवस्था जरूरी है।
- जलवायु (Climate): बाजरा गर्मी और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगता है। यह फसल 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सबसे अच्छा उत्पादन देती है। ठंडे क्षेत्रों में यह फसल सही से नहीं उग पाती है। बाजरा कम वर्षा वाले क्षेत्रों में उपयुक्त होता है, जहां औसतन 300 से 500 मिमी वर्षा होती है।
- बीज दर (Seed Rate): बाजरे की बुवाई के लिए 1 एकड़ में 1.5 से 2 किलो बीज की जरूरत होती है। यह बीजों की गुणवत्ता और खेत की स्थिति पर निर्भर करता है।
- बुवाई की विधि (Sowing Method): बाजरे के बीजों को अच्छे से तैयार किए गए खेत में समान रूप से फैलाकर बोना चाहिए। बीजों को 3 से 4 सेंटीमीटर गहराई में बोना चाहिए ताकि उन्हें सही से बढ़ने का मौका मिले। ध्यान रखें कि बीजों के बीच उचित दूरी हो, जिससे पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
- बुवाई का समय (Sowing Time): गर्मी में बाजरे की बुवाई का उपयुक्त समय मार्च से अप्रैल तक होता है। खरीफ मौसम में, बारिश का सही उपयोग करने के लिए, जुलाई के पहले सप्ताह में बुवाई करनी चाहिए।
- किस्म (Variety): गर्मी के मौसम में बाजरे की संकर किस्में जैसे जी.एच.बी 558, एम-52, आईसीजीएस-44, और आर-9251 उपयुक्त होती हैं। इसके अलावा, संकुल किस्मों में पूसा कम्पोजिट-383, आई.सी.टी.पी 8203 जैसी किस्में भी उपयुक्त हैं, जो अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता देते हैं।
- उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management): बाजरे की फसल में उचित उर्वरक प्रबंधन महत्वपूर्ण होता है। खेत की तैयारी के समय 2 से 3 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ डालनी चाहिए। इसके अलावा, बुवाई के समय 16 किलोग्राम नाइट्रोजन और 16 किलोग्राम फास्फोरस प्रति एकड़ की दर से डालें। सिंचाई की सुविधा वाले क्षेत्रों के लिए एक महीने बाद 24 किलोग्राम नाइट्रोजन और 16 किलोग्राम फास्फोरस डालने से फसल की वृद्धि में मदद मिलती है। मिट्टी की जांच करने के बाद जिंक की कमी वाले खेतों में जिंक का प्रयोग भी किया जाना चाहिए।
- खरपतवार प्रबंधन (Weed Management): बाजरा की फसल में खरपतवारों का नियंत्रण बहुत जरूरी है, क्योंकि ये फसल की वृद्धि में रुकावट डाल सकते हैं। बुवाई के एक महीने बाद निराई-गुड़ाई करनी चाहिए, जिससे खरपतवार नष्ट हो जाएं और मिट्टी में वायु प्रवाह बना रहे। इसके अलावा, बुवाई से पहले खेत को 15 से 20 दिन तक खाली छोड़ने से अवांछित खरपतवार खत्म हो जाते हैं।
- सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management): बाजरा एक सूखा सहनशील फसल है, लेकिन अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई जरूरी होती है। सिंचाई करते समय ध्यान रखें कि मिट्टी में पर्याप्त नमी हो, लेकिन जल जमाव न हो। यदि सिंचाई की सुविधा हो, तो बुवाई के एक महीने बाद 24 किलोग्राम नाइट्रोजन और 16 किलोग्राम फास्फोरस प्रति एकड़ डालने के बाद सिंचाई करनी चाहिए।
- कीट और रोग प्रबंधन (Insect and Disease Management): बाजरा की फसल में कीटों और रोगों का प्रकोप हो सकता है, जिनमें स्टेम बोरर, शूट फ्लाई, आर्मीवर्म, एफिड्स और थ्रिप्स प्रमुख हैं। इनकी समय पर पहचान कर नियंत्रित करना जरूरी है, अन्यथा ये फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, बाजरे में पाउडरी मिल्ड्यू और ब्लास्ट जैसे रोग भी हो सकते हैं, जिनके लिए फंगीसाइड का प्रयोग किया जा सकता है।
- कटाई (Harvesting): बाजरे की फसल का कटाई समय बीजों के पकने के बाद होता है, जब पौधे का रंग पीला हो जाता है। कटाई को ध्यान से करना चाहिए, ताकि बीजों का नुकसान न हो। कटाई के बाद बीजों को अच्छी तरह से सूखा लेना चाहिए।
- पैदावार (Yield): बाजरा की औसत पैदावार प्रति एकड़ 12 से 15 क्विंटल होती है, जो कि क्षेत्रीय जलवायु और खेत की स्थिति पर निर्भर करती है। बेहतर कृषि तकनीकों और उर्वरक प्रबंधन से पैदावार में वृद्धि हो सकती है।
आप बाजरे में बेहतर पैदावार के लिए कौन से उर्वरकों के प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और अन्य किसानों के साथ शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: बाजरा में कौन से कीट लगते हैं?
A: बाजरा की फसलें विभिन्न कीटों से प्रभावित हो सकती हैं जो उपज में कमी का कारण बनता है। बाजरा फसलों को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कीटों में शामिल हैं: स्टेम बोरर, शूट फ्लाई, आर्मीवर्म, एफिड्स और थ्रिप्स। इन कीटों को सही समय पर रोकना चाहिए नहीं तो यह फसल को काफी हानि पहुंचाते हैं।
Q: बाजरा की खेती का समय क्या है?
A: बाजरे की बुवाई का उचित समय बाजरे के बीज और उस क्षेत्र के आधार पर भिन्न होता है जहां इसकी खेती की जाती हैं। आम तौर पर, बाजरा मानसून के मौसम के दौरान बोया जाता है, जो जून में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। भारत के उत्तरी राज्यों में, मानसून की बारिश की शुरुआत के बाद जुलाई के महीने में बाजरा (बाजरा) बोया जाता है। भारत के दक्षिणी राज्यों में जून या जुलाई के महीने में बोया जाता है।
Q: बाजरा के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?
A: बाजरे की खेती के लिए लगभग हर प्रकार की मिट्टी उचित मानी जाती है। जैसे की रेतीली दोमट मिट्टी, लाल मिट्टी, काली मिट्टी, और लेटराइट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। बाजरा को लेटराइट मिट्टी में भी उगाया जा सकता है, जो तटीय क्षेत्रों में आम हैं। ये मिट्टी अच्छी तरह से सूखा होती है और अच्छी उर्वरता होती है, लेकिन मिट्टी की संरचना में सुधार के लिए उन्हें अतिरिक्त कार्बनिक पदार्थों की आवश्यकता हो सकती है।
Q: बाजरा मिट्टी की उर्वरता कैसे सुधारते हैं?
A: बाजरा खेती में मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना वास्तव में महत्वपूर्ण है। इसे बनाए रखने के लिए, कुछ तरीके हैं जो बाजरे की मिट्टी को स्वस्थ और पोषण से भरपूर बनाते हैं। बाजरा की खेती में निरंतर वायुमंडलीय नाइट्रोजन को बनाए रखने के लिए किस्मों का चयन एक महत्वपूर्ण पहलू है। अधिक से अधिक बायोमास का उत्पादन करके, खेत को कार्बन से भरपूर बनाना भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, फसल चक्र और एलेलोपैथिक गुणों का उपयोग खेत की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार, बाजरा की खेती एक संतुलित और सतत मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने का महत्वपूर्ण तरीका है।
Q: 1 एकड़ में कितना बाजरा बोया जाता है?
A: सबसे पहले बाजरे की बुवाई के लिए अच्छी किस्मों की बिजाई करते हैं उसके लिए 1.5 किलो बीज का प्रयोग प्रति एकड़ करें। अगर बिजाई अच्छी तरह तैयार की ज़मीन में और एकसार की जाती है तो बिजाई की मात्रा 1 किलोग्राम तक कम हो सकती है।
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